नई दिल्लीः Nag Panchami 2024: हिंदू धर्म में सावन में पड़ने वाली नागपंचमी की विशेष महत्व है. इसे बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. नागपंचमी हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन देवों के देव महादेव की सच्चे मन से आराधना करने से जीवन की हर परेशानियां खत्म हो जाती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इस साल पड़ने वाली नागपंचमी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.
500 सालों बाद बन रहे हैं 5 दुर्लभ संयोग
पंचांग की मानें, तो इस साल शुक्रवार 9 अगस्त को नागपंचमी का त्योहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. इस बार नागपंचमी पर 500 सालों बाद 5 दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. ये संयोग शिववास योग, सिद्ध योग, साध्य योग, बव योग और बालव योग हैं. कुल मिलाकर इस बार करण योग और हस्त नक्षत्र के शुभ संयोग से नागपंचमी मनाई जाएगी.
9 अगस्त को मनाई जाएगी नागपंचमी
दृक पंचांग के अनुसार इस साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 9 अगस्त 2024 को सुबह 8 बजकर 15 मिनट से होगा. वहीं, समापन अगले दिन यानी 10 अगस्त को सुबह 6 बजकर 9 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार इस साल नागपंचमी 9 अगस्त को मनाई जाएगी. इस दौरान पूजा का विशेष मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजे तक रहेगा.
आर्थिक तंगी से मिलेगी मुक्ति
नागपंचमी पर प्रदोष काल में नाग देवता की पूजा का विशेष महत्व है. ऐसे में इस बार शाम 6 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट का समय नाग देवता की पूजा के लिए सबसे शुभ और उत्तम मुहूर्त होगा. इस दिन शुभ लाभ पाने के लिए घर के मेन गेट पर गोबर, गेरू या मिट्टी के सर्प जैसी आकृति बनाएं. साथ ही उस आकृति की विधिवत ढंग से पूजा-अर्चना करें. इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी.
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