Shardiya Navratri 2024 Day 3: शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन इस तरीके से करें मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें उनकी पूजा विधि, भोग, सामग्री और मंत्र

Shardiya Navratri 2024 Day 3: माता का यह रूप बेहद शांत, सरल और सौम्य माना जाता है, जो उनके उपासकों को सुख-समृद्धि देता है. मान्यता है कि माता चंद्रघंटा की उपासना करने से आत्मविश्वास बढ़ता है, सुखों में वृद्धि होती है और सामाजिक प्रभाव भी बढ़ता है. 

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Oct 5, 2024, 09:12 AM IST
  • आज शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है
  • आज माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है
Shardiya Navratri 2024 Day 3: शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन इस तरीके से करें मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें उनकी पूजा विधि, भोग, सामग्री और मंत्र

नई दिल्ली: Shardiya Navratri 2024 Day 3: आज शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है. आज माता दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. माता का यह रूप बेहद शांत, सरल और सौम्य माना जाता है, जो उनके उपासकों को सुख-समृद्धि देता है. मान्यता है कि माता चंद्रघंटा की उपासना करने से आत्मविश्वास बढ़ता है, सुखों में वृद्धि होती है और सामाजिक प्रभाव भी बढ़ता है. चलिए जानते हैं माता चंद्रघंटा की पूजा विधि, भोग और मंत्र 

पूजा विधि

सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और माता का ध्यान करें.
एक साफ और शांत जगह पर पूजा के लिए आसन लगाएं.
लाल या पीले वस्त्र पर माता चंद्रघंटा की मूर्ति को स्थापित करें. मां को पीला रंग अत्यंत प्रिय है. 
माता को कुमकुम और अक्षत अर्पित करें और पूरे विधि-विधान के साथ उनकी पूजा करें 
मां चंद्रघंटा को मिठाई और दूध से बनी खीर का भोग लगाएं. 
पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें. साथ ही दुर्गा सप्तशती और चंद्रघंटा माता की आरती का पाठ भी करें. इससे मां प्रसन्न होकर आप पर कृपा बरसाएंगी.   

माता चंद्रघंटा का स्त्रोत मंत्र

ध्यान वन्दे वाच्छित लाभाय चन्द्रर्घकृत शेखराम.
सिंहारूढा दशभुजां चन्द्रघण्टा यशंस्वनीम्घ
कंचनाभां मणिपुर स्थितां तृतीयं दुर्गा त्रिनेत्राम.
खड्ग, गदा, त्रिशूल, चापशंर पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्घ
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्यां नानालंकार भूषिताम.
मंजीर हार, केयूर, किंकिणि, रत्‍‌नकुण्डल मण्डिताम्घ
प्रफुल्ल वंदना बिबाधारा कांत कपोलां तुग कुचाम.
कमनीयां लावाण्यां क्षीणकटिं नितम्बनीम्घ
स्तोत्र आपद्धद्धयी त्वंहि आधा शक्तिरू शुभा पराम.

अणिमादि सिद्धिदात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यीहम्घ्
चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्ट मंत्र स्वरूपणीम.
धनदात्री आनंददात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्घ
नानारूपधारिणी इच्छामयी ऐश्वर्यदायनीम.

सौभाग्यारोग्य दायिनी चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्घ्
कवच रहस्यं श्रणु वक्ष्यामि शैवेशी कमलानने.
श्री चन्द्रघण्टास्य कवचं सर्वसिद्धि दायकम्घ
बिना न्यासं बिना विनियोगं बिना शापोद्धरं बिना होमं.
स्नान शौचादिकं नास्ति श्रद्धामात्रेण सिद्धिकमघ
कुशिष्याम कुटिलाय वंचकाय निन्दकाय च.

माता चंद्रघंटा की पूजा के फायदे

माता चंद्रघंटा की उपासना करने से दुश्मनों पर विजयी हासिल होती है. इससे मान-सम्मान और प्रभाव भी बढ़ता है.
मां चंद्रघंटा अपने भक्तों को यश और कीर्ति देती है. इसके साथ ही माता मृत्यु के बाद मोक्ष भी प्रदान करती हैं.
वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए भी आप माता चंद्रघंटा की पूजा कर सकते हैं.
माता चंद्रघंटा की पूजा करने से परिवार पर आने वाले संकट टल जाते हैं. इससे संतान भी सुरक्षित र​हती है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.

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