नई दिल्ली: Devi Lal Birthday: हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है. इससे ठीक 10 दिन पहले यानी 25 सितंबर को चौधरी देवीलाल की जयंती हैं. हरियाणा की राजनीति में चौटाला परिवार की प्रासंगिकता बीते 7 दशक से है. देवीलाल ने पहला चुनाव 1952 में लड़ा, इसके बाद से शायद ही ऐसा कोई चुनाव रहा जिसमें चौटाला परिवार के किसी सदस्य ने ताल ना ठोकी हो. चौधरी देवीलाल न सिर्फ हरियाणा बल्कि राजस्थान की एक सीट से भी चुनावी किस्मत आजमाई थी. महज के शर्त को जीतने के लिए देवीलाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते हुए राजस्थान की एक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ लिया था.
बलराम जाखड़ की चुनौती स्वीकार की
यह साल 1989 की बात है. तब देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. कांग्रेस के दिग्गज नेता बलराम जाखड़ तब लोकसभा के स्पीकर हुआ करते थे. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तब बलराम जाखड़ ने कहा था कि मुझे सीकर में कोई भी चुनाव नहीं हरा सकता. राजस्थान की सीकर लोकसभा सीट पर जाट वोट बड़ी संख्या में हैं. जाखड़ इसी के दम पर ये दावा कर चुके थे. फिर चौधरी देवीलाल ने जाखड़ की चुनौती को स्वीकार किया और शर्त लगाई कि वे चुनाव जीत जाएंगे. देवीलाल ने सीकर से जनता दल के प्रत्याशी के तौर पर फॉर्म भर दिया.
'ताऊ पूरा तोलेगा, लाल किले पर बोलेगा'
देवीलाल ने उस दौरान दो सीटों से चुनाव लड़ा था. पहली राजस्थान की सीकर सीट और दूसरी हरियाणा की रोहतक सीट. तब देवीलाल ने सीकर में वादा किया था कि मैं किसानों का 10-10 हजार रुपये का कर्ज माफ करूंगा. देवीलाल के पक्ष में प्रचार करने के लिए भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी भी सीकर आए थे. उन्हें सुनने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी. तब देश में उत्तर भारत के जाट बहुल इलाकों में ये हवा थी कि देवीलाल अगले प्रधानमंत्री बनेंगे. सीकर में लोग नारा देने लगे- ताऊ पूरा तोलेगा, लाल किले पर बोलेगा.
देवीलाल बने देश के उप प्रधानमंत्री
चुनावी नतीजों ने बलराम जाखड़ का दंभ चूर-चूर कर दिया. जनता दल के प्रत्याशी देवीलाल को 3.75 लाख वोट मिले. कांग्रेस उम्मीदवार बलराम जाखड़ को 3.29 लाख मत प्राप्त हुए. चौधरी देवीलाल ने जाखड़ को 46 हजार 756 मतों चुनाव हराया. यहां से चुनाव जीतकर देवीलाल देश के उप प्रधानमंत्री बने.
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