Supreme Court on FIFA ban AIFF: फुटबॉल के खेल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सबसे बड़ी संस्था फीफा की ओर से भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) पर लगाये गये बैन के मामले में सोमवार को सुनवाई हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कई ऐसे कदम उठाये हैं जिससे भारतीय फुटबॉल पर लगा बैन जल्द ही हट सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के अपने उस आदेश को सोमवार को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) भारतीय खेलों की सर्वोच्च संस्था के कामकाज को नहीं संभालेगी.
COA नहीं संभालेगी AIFF का कामकाज
सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ सीओए के कामकाज संभालने पर रोक लगाने का फैसला सुनाया बल्कि चुनाव कराने की तारीखों पर एक हफ्ते का समय भी दिया है. न्यायमूर्ति एस ए नज़ीर और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की पीठ ने आईओए द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब भी मांगा.
पीठ ने कहा, ‘नोटिस जारी किया गया है. अगले आदेश तक यथास्थिति बनी रहेगी. चार सप्ताह के बाद सूची तैयार करें.’ सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के चुनाव कार्यक्रम में बदलाव किया है और 28 अगस्त की मतदान की तिथि को एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मतदाता सूची में महासंघ के राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के सदस्य संघों के 36 प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए.
एक हफ्ते के लिये बढ़ाया चुनाव का समय
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के चुनाव के लिए सीओए के द्वारा नियुक्त चुनाव अधिकारी उमेश सिन्हा और तपस भट्टाचार्य को अदालत द्वारा नियुक्त माना जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के दैनिक कामकाज को निकाय के कार्यवाहक महासचिव संभालेंगे. न्यायालय ने निर्देश दिया कि एआईएफएफ के कामकाज के संचालन के लिये नियुक्त सीओए को बर्खास्त माना जाये. एआईएफएफ की कार्यकारी समिति में 23 सदस्य होंगे जिनमें छह नामचीन खिलाड़ी (दो महिला खिलाड़ी) होंगे.
इस मामले में अगली सुनवाई अब चार सप्ताह बाद होगी. सर्वोच्च अदालत ने इससे पहले केंद्र और आईओए की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की उन दलीलों पर गौर किया कि इस आदेश का देश पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद आईओए के मामलों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए अंतरिम राहत का आदेश दिया.
अगर समय से हुई चीजें तो बच सकती है मेजबानी
हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त सीओए में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल आर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी और विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव विकास स्वरूप शामिल हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने 16 अगस्त को आईओए के मामलों के संचालन के लिए सीओए के गठन का आदेश दिया था. गौरतलब है कि अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार समिति का गठन और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के चुनाव जल्दी हो जाता है तो अंडर 17 महिला विश्व कप में भारत की मेजबानी बच सकती है.
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