Kisan Andolan: 12 से 3 मांगों पर आए किसान, सरकार ने माना तो खत्म कर देंगे आंदोलन

Kisan Andolan Demands: किसानों की मांग है कि सकरार MSP का कानून बना दे, कर्ज माफी कर दे और बिजली अधिनियम- 2020 रद्द कर दे. पंढेर ने कहा कि ये तीनों मांगें मानने पर ही हम आंदोलन खत्म कर देंगे. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 16, 2024, 11:18 PM IST
  • कर्जमाफी करने की मांग
  • MSP का कानून बनाने की मांग
Kisan Andolan: 12 से 3 मांगों पर आए किसान, सरकार ने माना तो खत्म कर देंगे आंदोलन

नई दिल्ली: Kisan Andolan Demands: देश में एक बार फिर किसान आंदोलन खड़ा हो रहा है. यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के अलावा तमिलनाडु के किसानों ने भी प्रदर्शन किया है. .दिल्ली के तमाम बॉर्डर सील कर दिए गए हिं. शंभू बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि किसान दिल्ली में प्रवेश न कर सकें. पहले किसानों की 12 मांगें थीं, लेकिन अब उन्होंने तीन मुख्य मांगों को लागू करने की ही मांग की है. 

सरवन सिंह पंढेर का बयान
किसान नेता और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि जब तक तीन मांगें पूरी नहीं होगी, आंदोलन चलता रहेगा. ये तीन मांगें- MSP का कानून बनाया जाए, कर्जमाफी के लिए योजना लाई जाए और बिजली अधिनियम रद्द किया जाए. आइए, इन तीनों मांगों को विस्तार से जानते हैं. 

ये हैं तीनों मांगें...

1. MSP का कानून बनाएं: सरकार फसलों का दाम तय करती है, भले बाजार में पैसा कम मिल रहा हो लेकिन सरकार किसानों से तय कीमत पर ही फसल खरीदती है. सरकार द्वारा फसलों की तय की जाने वाली दरों को ही MSP कहा जाता है. MSP कानून नहीं है, इसका मतलब है कि सरकार जब चाहे MSP हटा सकती है. इसलिए किसानों की मांग है कि MSP को कानूनी जामा पहनाया जाए. ताकि MSP की गारंटी मिल सके. बता दें कि केंद्र सरकार 23 फसलों पर MSP देती है. 

2. कर्जमाफी करें: किसानों की मांग है कि सरकार  देश के सभी किसानों का कर्ज माफ़ कर दे. साथ ही कर्जमाफी के लिए कोई योजना भी लेकर आए, ताकि आगे भी कर्जमाफी होती रहे. देश में 16 करोड़ किसानों पर 21 लाख करोड़ का कर्ज है. औसत के हिसाब से एक किसान पर 1.35 लाख का कर्ज है. किसान संगठन मांग कर रहे हैं कि इन किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ़ किया जाए. 

3. बिजली अधिनियम-2020 रद्द करें: किसानों की मांग है कि सरकार बिजिली अधिनियम-2020 को रद्द करे. इस अधिनियम के तहत, यदि को बिजली को बर्बाद करता है, ऊर्जा की आपूर्ति को रोकता, बाधित करता या क्षति पहुंचाता है, तो उसे दो साल की जेल या जुर्माना, या फिर दोनों हो सकते हैं. 

ये भी पढ़ें- Kisan Andolan: यूपी-हरियाणा में टोल फ्री करने का ऐलान, जानें किसान आंदोलन से जुड़े 10 अपडेट्स

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़