नई दिल्ली: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को सरकार से सवाल करते हुए कहा कि बिहार को 35 हजार करोड़ रुपये की राजस्व क्षति, जहरीली शराब वाले 1000 से ज्यादा लोगों की मौत और 6 साल में 4 लाख गरीबों के जेल जाने के बाद भी क्या शराबबंदी की समीक्षा नहीं होनी चाहिए.
'नीतीश सरकार शराबबंदी पर पूरी तरह रही विफल'
उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से पूर्ण शराबबंदी नीति का समर्थन करती रही है, लेकिन नीतीश सरकार इसे लागू करने में पूरी तरह विफल है.
सुशील मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की नाकामी के कारण शराबबंदी ने पुलिस प्रशासन के लोगों को 10 हजार करोड़ रुपये की अवैध कमाई करने और गरीबों को प्रताड़ित करने की खुली छूट दी. क्या इन बातों की समीक्षा नहीं होनी चाहिए?
मरने वालों की संख्या हो चुकी है 100 से ज्यादा?
उन्होंने कहा कि सारण में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा हो चुकी है, लेकिन राज्य सरकार वास्तविक आंकड़े छिपा रही है. भाजपा नेता ने कहा कि मृतकों के परिवारों को पुलिस धमका रही है, इसलिए लोग दूसरी जगह जाकर अंतिम संस्कार कर रहे हैं.
उन्होंने साफ लहजे में कहा कि शराब पीने वालों पर परिवार का कोई जोर नहीं चलता. जहरीली शराब से मौत होने पर मुसीबतें परिवार पर टूटती हैं, इसलिए उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए.
मोदी ने कहा कि जिस तरह नीतीश कुमार व्यवहार कर रहे हैं उससे साफ है कि वे गरीब, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और दलित समाज के विरोधी हो गए हैं. उन्हें जहरीली शराब पीकर मरने वाले परिजनों के लिए मुआवजे की मांग को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए.
(इनपुट: आईएएनएस)
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