Pro Kabaddi League 2023: प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के आयोजक-मशाल स्पोर्ट्स ने आज घोषणा की है कि वह 10वें सीजन में प्रवेश करने को तैयार पुरुषों की प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) की तर्ज पर महिलाओं की वार्षिक पेशेवर कबड्डी लीग शुरू करने की संभावना तलाश रहा है.
जल्द शुरू होगी महिला कबड्डी लीग
मशाल स्पोर्ट्स के सीईओ और प्रो कबड्डी लीग के लीग कमिश्नर अनुपम गोस्वामी ने कहा, 'पेशेवर महिला कबड्डी लीग के लिए हमारी योजनाएं पुरुषों की लीग की अब तक की शानदार सफलता और भारत से आधुनिक विश्व स्तरीय खेल के रूप में कबड्डी को विकसित तथा स्थापित करने की हमारी प्रतिबद्धता पर आधारित है. हम महिला लीग शुरू करने के लिए एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया (AKFI) और इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन (IKF) सहित अपने विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ काम करेंगे.'
विमेंस कबड्डी चैलेंज से मिला सबक
जाहिर है कि महिलाओं के लिए प्रस्तावित पेशेवर लीग कबड्डी को आगे ले जाने के मशाल स्पोर्ट्स के अपार अनुभव और विमेंस कबड्डी चैलेंज से मिले सबक पर आधारित होगी. विमेंस कबड्डी चैलेंज तीन-टीमों का एक टेस्ट टूर्नामेंट था, जिसे मशाल ने 2016 में एकेएफआई के समर्थन और मंजूरी के साथ आयोजित और संचालित किया था. इसमें हिस्सा लेने वाली टीमें- फायरबर्ड्स, आइसदिवास और स्टॉर्म क्वींस थीं. इसमें हिस्सा लेने वाली महिला खिलाड़ी इसे सर्वोच्च गुणवत्ता वाले कबड्डी टूर्नामेंट के रूप में याद करती हैं.
जानें क्या बोली तेजस्विनी बाई
साल 2016 में आयोजित विमेंस कबड्डी चैलेंज का खिताब जीतने वाली स्टॉर्म क्वींस टीम की कप्तानी कर चुकीं तेजस्विनी बाई ने कहा, '2014 में प्रो कबड्डी लीग के लॉन्च के बाद से ही भारत में महिला कबड्डी खिलाड़ियों ने अपने लिए भी एक पेशेवर कबड्डी लीग का सपना देखा है. अब, पीकेएल का एक महिला संस्करण भारत में हर महिला कबड्डी खिलाड़ी के लिए एक बड़े सपने के सच होने जैसा होगा. साथ ही इससे अन्य देशों की महिला कबड्डी एथलीटों को भी आगे आने का मौका मिलेगा.'
उल्लेखनीय है कि तेजस्विनी भारत में अर्जुन पुरस्कार विजेता महिला कबड्डी एथलीटों में शामिल हैं. तेजस्विनी ने साल 2014 में इंचियोन में आयोजित एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय महिला टीम की कप्तानी की थी. भारतीय महिला टीम ने उसके बाद एशियाई खेलों में स्वर्ण नहीं जीता है.
महिला प्लेयर्स का बदल जाएगा जीवन
भारत की प्रमुख महिला कबड्डी खिलाड़ियों के विचारों का भारत के प्रमुख पुरुष कबड्डी खिलाड़ियों का भी समर्थन मिला है. विशेष रूप से वे जिन्हें लाखों पीकेएल फैंस पुरुषों की लीग के अग्रणी खिलाड़ियों के रूप में पहचानते हैं. इन्हीं में से एक हैं अजय ठाकुर, जिन्हें अर्जुन पुरस्कार के साथ-साथ पद्म श्री से भी नवाजा जा चुका है.
अजय ठाकुर ने कहा, “प्रो कबड्डी ने पूरे भारत में पुरुष कबड्डी खिलाड़ियों के जीवन को बदल दिया है. मुझे पता है कि अगर मशाल स्पोर्ट्स महिलाओं की लीग आयोजित करता है, तो यह महिला कबड्डी खिलाड़ियों के लिए भी ऐसा ही असर करेगा.
पुरुष कबड्डी लीग को लगातार मिली है लोकप्रियता
ठाकुर के इस बयान को प्रो कबड्डी में सबसे अधिक अंक जुटाने वाले रेडर परदीप नरवाल का भी समर्थन मिला. परदीप ने कहा, "प्रो कबड्डी लीग की गुणवत्ता और लोकप्रियता ने हमें कबड्डी खिलाड़ियों के रूप में गर्व और सम्मान प्राप्त करने में मदद की है. मुझे पता है कि महिला पीकेएल हमारी महिला खिलाड़ियों के लिए इसी तरह की पहचान और सम्मान की गारंटी देगा.”
भारत के पारंपरिक खेल कबड्डी ने 2014 में प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के लॉन्च के बाद एक बार फिर से ट्रैक्शन (लोगों का ध्यान) प्राप्त करना शुरू किया. पीकेएल के सीजन-9 के दौरान इस खेल को प्रो कबड्डी के आधिकारिक ब्राडकास्टर-स्टार स्पोर्ट्स पर 22.2 करोड़ लोगों ने देखा. साथ ही यह लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म- डिज्नी+ हॉटस्टार के माध्यम से लाखों दर्शकों तक पहुंचा. अकेले सीजन 9 के प्ले-ऑफ और फाइनल मुकाबलों को 6.6 करोड़ लोगो ने देखा, जो पिछले सीजन की तुलना में 32 फीसदी अधिक है.
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