मस्जिदों पर न चलाया जाए बुलडोजर... इकरा चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार, याचिका दायर
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मस्जिदों पर न चलाया जाए बुलडोजर... इकरा चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार, याचिका दायर

Iqra Choudhary on Places of Worship Act: याचिका में इकरा चौधरी ने मस्जिदों और दरगाहों के संबंध में कानूनी कार्रवाई करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर लगाम लगाने की गुजारिश की. उन्होंने कहा कि इससे देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचता है. 

मस्जिदों पर न चलाया जाए बुलडोजर... इकरा चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार, याचिका दायर

Iqra Choudhary on Places of Worship Act: उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (SP) की सांसद इकरा चौधरी ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविजन) एक्ट, 1991 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. यह अधिनियम किसी उपासना स्थल के धार्मिक स्वरूप को बदलने पर रोक लगाता है और इसे वैसा ही बनाए रखने का प्रावधान करता है, जैसा कि 15 अगस्त 1947 को था. हालांकि, अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद से जुड़े विवाद को इसके दायरे से बाहर रखा गया था.

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के माध्यम से दायर चौधरी की याचिका को आज यानी 14 फरवरी को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया और बिना कोई नोटिस जारी किए इसे 17 फरवरी को अन्य लंबित याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध करने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति खन्ना ने सवाल किया, ‘‘इतनी सारी नयी याचिकाएं क्यों दायर की जा रही हैं? हमें हर हफ्ते एक (याचिका) मिलती है.’’

मस्जिदों के खिलाफ जारी कार्रवाई पर रोक की मांग
याचिका में चौधरी ने मस्जिदों और दरगाहों के संबंध में कानूनी कार्रवाई करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर लगाम लगाने की गुजारिश की. उन्होंने कहा कि इससे देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचता है. सुप्रीम कोर्ट इससे पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की उस याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हुई थी, जिसमें इसी तरह का अनुरोध किया गया है.

हिंदू संगठनों ने किया था सुप्रीम कोर्ट का रुख
हिंदू संगठन ‘अखिल भारतीय संत समिति’ ने 1991 के अधिनियम के प्रावधानों की वैधता के खिलाफ दायर मामलों में दखल देने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. कांग्रेस ने भी प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविजन) एक्ट, 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया था. पार्टी ने दलील दी कि ये याचिकाएं ‘‘धर्मनिरपेक्षता के स्थापित सिद्धांतों को कमजोर करने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास’’ हैं.

सुप्रीम कोर्ट  ने लगा थी कार्यवाही पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर 2024 के अपने आदेश के जरिए विभिन्न हिंदू पक्षकारों की तरफ से दायर लगभग 18 मुकदमों में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. इन याचिकाओं में वाराणसी में ज्ञानवापी, मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद और संभल में शाही जामा मस्जिद सहित 10 मस्जिदों के मूल धार्मिक स्वरूप का पता लगाने के लिए उनका सर्वे कराने का अनुरोध किया गया था. 

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