Surya Namashkar: राजस्थान के स्कूलों में सरकार ने सूर्य नमस्कार को जरूरी कर दिया है. ऐसे में राजस्थान के तमाम मुस्लिम संगठनों ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि सूर्य नमस्कार गैर इस्लामी है.
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Surya Namashkar: राजस्थान के स्कूलों में सूर्य नमस्कार को लेकर हलचल मची है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार राज्स्थान में 3 फरवरी को सूर्य नमस्कार का सप्तमी मनाने जा रही है. इस मौके पर सरकार ने सभी को सू्र्य नमस्कार करना जरूरी कर दिया है. इससे यहां विवाद खड़ा हो गया है. पिछले शैक्षणिक सत्र में सरकार ने इसी तरह का आदेश लागू किया था. इस दौरान राजस्थान के 78974 स्कूलों के 1.3 छात्रों ने विश्व रिकॉर्ड बनाया था. अब सरकार खुद इस रिकॉर्ड को तोड़ना चाहती है.
आरएसएस के जानकारों को बुलाया
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ऐलान किया है कि सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में एक साथ सूर्य नमस्कार किया जाएगा. उन्होंने आम जनता से इस प्रोग्राम का हिस्सा बनने की अपील की, ताकि एक बार फिर विश्व रिकॉर्ड बनाया जा सके. सरकार ने प्रोग्राम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े संघ क्रीड़ा भारती के जानकारों को शामिल किया है. ये जानकार शैक्षिक संस्थाओं में जाकर सूर्य नमस्कार को कराने में मदद करेंगे.
सभी स्कूलों में सूर्य नमस्कार का आदेश
शिक्षा विभाग ने 3 फरवरी को सभी स्कूलों में एक साथ सुबह 10:15 बजे 20 मिनट तक के लिए सूर्य नमस्कार करने का आदेश जारी किया है. इस प्रोग्राम में सभी बच्चों का शामिल होना लाजमी है. प्रोग्राम की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी. दोबहर तक ये फोटो, वीडियो अधिकारिक शाला दर्पण वेब पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.
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मुस्लिम संगठनों की नाराजगी
राज्य के मुस्लिम संगठनों सरकार के इस फैसले पर आपत्ति दर्ज कराई है. राजस्थान मुस्लिम फोरम ने सरकार के इस आदेश को वापस लेने की मांग की है. मुस्लिम फोरम ने कहा कि "एक्सरसाइज करने के बहाने शिक्षण संस्थाओं में खास संस्कृति और रीति रिवाजों को दूसरे मजहब के लोगों पर नहीं थोपा जाना चाहिए." जमात-ए-इस्लामी हिंद की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष ने कहा कि "धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रितक देश में दूसरे धर्म के अनुयायियों पर किसी खास धर्म की मान्यताओं को थोपने की भाजपा सरकार की कोशिश नफरती कदम है."
ये मुस्लिम संगठन भी नाराज
राजस्थान सरकार के फैसले के खिलाफ कई मुस्लिम संगठन हैं. इसमें जमीयत उलेमा-ए-हिंद, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई), मंसूरी तेली महापंचायत, ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल-राजस्थान और राजस्थान मुस्लिम मंच शामिल हैं.