उत्तराखंड में लिव-इन में रहने के लिए मौलवी समेत इस शख्स से लेनी होगी इजाजत; लागू होगा UCC का नियम
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उत्तराखंड में लिव-इन में रहने के लिए मौलवी समेत इस शख्स से लेनी होगी इजाजत; लागू होगा UCC का नियम

Live-in Relationship: उत्तराखंड में UCC लागू किया गया है. ऐसे में यहां अगर कोई जोड़ा लिव-इन में रहता है तो उसे रजिस्टर कराना होगा. इसे रजिस्ट्रेशन कराने का क्या है नियम आइए जानते हैं.

उत्तराखंड में लिव-इन में रहने के लिए मौलवी समेत इस शख्स से लेनी होगी इजाजत; लागू होगा UCC का नियम

Live in Relationship: उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू किया है. इसके तहत लिव-इन रिलेशनशिप को रजिस्टर कराना जरूरी है. यह कदम बिना शादी शुदा जोड़ों को साथ रहने लिए कानूनी तौर से इजाजत देने का प्रतीक है. UCC के तहत जो जोड़े एक साथ रहना चाहते हैं, उन्हें अपने रिश्ते को सरकार के सामने दर्ज कराना होगा.

लिव-इन के लिए दस्तावेज
रजिस्ट्रेशन कराने के लिए उन्हें कई सारे दस्तावेज जमा करने होंगे. दस्तावेजों में आधार कार्ड, रिश्ते की जानकारी, निवास सर्टिफिकेट, इसके अलावा जिस मकान मालिक ने किराए पर घर दिया है, उसकी पूरी जानकारी. इसके अलावा एक दस्तावेज और देना होगा जो किसी मजहबी नेता की तरफ से दिया जाएगा. इस सर्टिफिकेट में यह लिखा होगा कि जो जोड़ा साथ रहना चाहता है और वह शादी करने के काबिल है. 

कैसे करा सकेंगे रजिस्टर?
उत्तराखंड UCC सिर्फ हेटरोसेक्सुअल (विषमलैंगिक) जोड़ों को लिव-इन रिश्ते में रहने की इजाजत देता है. इन लोगों को चाहे अपने रिश्ते को शुरू करना हो या खत्म करना, दोनों सूरतों में ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्टर कराना होगा. लिव इन रिलेशनशिप को रजिस्टर कराने के लिए 500 रुपये फीस लगेगी. लोकल रजिस्ट्रार इसकी समीक्षा करेगा, इसके बाद वह 30 दिनों के अंदर या तो आवेदन को अप्रूव करेगा या रिजेक्ट करेगा. रजिस्ट्रार यह एप्लीकेशन जांच के लिए पुलिस को भी भेज सकता है. 

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रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर क्या होगा?
अगर कोई जोड़ा लिव-इन रिलेशनशिप बिना रजिस्टर कराए रहता है, तो उसको 3 महीने की जेल या फिर 25000 हजार रुपये जुर्माना हो सकता है. अगर कोई दूसरा शख्स जोड़ों की शिकायत करता है कि इन लोगों ने अपने रिश्ते को रजिस्टर नहीं कराया है, तो ऐसे जोड़ों को रजिस्ट्रार नोटिस भेज सकता है. अगर, कोई शख्स जोड़ों के खिलाफ गलत शिकायत करता है, तो उसे भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

क्या है UCC?
समान नागरिक संहिता (UCC) एक कानून है, जिसका मकसद शादी, तलाक, विरासत, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे मामलों के ताल्लुक से सभी नागरिकों के लिए एक तरह का कानून बनाता है. UCC कानूनी मामलों में समानता और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सभी मजहब के कानून को एक समान करता है.

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