Bahraich Madrasa: उत्तर प्रदेश के 90 मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है. इससे जिले में हड़कंप मच गया है. इल्जाम है कि इन मदरसों ने अपने रिकॉर्ड को अपार आईडी से अपडेट नहीं किया है.
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Bahraich Madrasa: उत्तर प्रदेश के जिला बहराइच में इन दिनों मदरसों में हड़कंप मचा हुआ है. यहां के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने इंतजामिया को खत लिख कर जिले के 90 मदरसों की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की है. जिन मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है वह नेपाल की सीमा से सटे हैं. इल्जाम है कि यहां संदिग्द गतिविधि चल रही थी, जिसकी वजह से संज्ञान लिया गया है.
अपार आईडी से करें अपडेट
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्रा ने बताया कि इन मदरसों को पहले ही इंतजामिया की तरफ से निर्देश दिए गए थे कि उन्हें अपने रिकॉर्ड को अपार आईडी से अपडेट करना होगा. लेकिन मदरसों ने हिदायत का पालन नहीं किया. इसकी वजह से इंतजामिया को सख्त कदम उठाना पड़ रहा है.
मदरसों को दिया गया सख्त संदेश
उन्होंने कहा कि हमने इन मदरसों के संचालकों को कई बार खत के जरिए और टेली-कॉन्फ्रेंस के जरिए निर्देश दिए थे कि बच्चों के अपार आईडी जनरेशन का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए, लेकिन एक हफ्ते पहले किए गए सर्वे में यह पाया गया कि 90 मदरसों में से किसी में भी अपार आईडी जेनरेशन का काम नहीं शुरू हुआ.
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मदरसों ने नहीं किया नियम का पाल
संजय मिश्रा के मुताबिक बहराइच जिले में कुल 301 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं, जिनमें से इन 90 मदरसों ने निर्देश का पालन नहीं किया. इंतजामिया की निगरानी और लगातार निर्देश देने के बावजूद मदरसा संचालकों की तरफ से नियमों का पालन न किया गया, इसके चलते उनके खिलाफ यह सख्त कदम उठाया गया है.
क्या है मदरसा?
आपको बता दें कि मदरसा स्कूल को ही कहते हैं. इसमें और स्कूल में बस इतना फर्क है कि मदरसों में इस्लामी तालीम दी जाती है. इसमें अरबी और उर्दू की तालीम पर खास ध्यान दिया जाता है. उत्तर प्रदेश के बहराइच में कई मदरसे ऐसे भी हैं जहां पर हिंदी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान भी पढ़ाया जाता है.