चीनी मुसलमानों में डोनाल्ड ट्रम्प को लेकर इस बात का है डर; मशक्कत से पहुंचे हैं अमेरिका
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चीनी मुसलमानों में डोनाल्ड ट्रम्प को लेकर इस बात का है डर; मशक्कत से पहुंचे हैं अमेरिका

Chinese Muslim: चीन के हुई मुसलमान सरकार की की तरफ से लगाई गई पाबंदी और उसके अत्याचार पर परेशान हैं. इसलिए इनमें से कुछ ने अमेरिका का रुख किया. लेकिन वह डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर चिंतित हैं.

चीनी मुसलमानों में डोनाल्ड ट्रम्प को लेकर इस बात का है डर; मशक्कत से पहुंचे हैं अमेरिका

Chinese Muslim: चीन में उइगर मुसलमानों के साथ अत्याचार की अक्सर खबरें आती हैं. इसी तरह के चीन के पश्चिमी झिंजियांग इलाके में हुई मुसलमान रहते हैं. इन पर अत्याचार की खबरें आई हैं. हुई मुसलमानों ने अपने प्रियजनों को एक-एक करके गायब होते देखा. उन्हें डर था कि उनका भी वही हश्र होने वाला है. लेकिन वह चीन से बाहर निकलने में कामयाब रहे और संयुक्त राज्य अमेरिका की धरती पर पहुंचे. इन्हें यहां तक पहुंचने में काफी दिक्कतें हुईं. लेकिन अब ये लोग यहां भी डरे हुए हैं.

डरे हैं चीनी मुसलमान
ये लोग पनामा के जंगल से होते हुए अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर पहुंचे. इस इलाके को डेरेन गैप के नाम से जाना जाता है. ये लोग चीन में जातीय अल्पसंख्यक समूह हैं. चीन की सरकार पश्चिमी झिंजियांग में इस्लाम पर नकेल कसने के लिए दृढ़ है. अमेरिका में राष्ट्रपति-चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने वादा किया था कि यहां पर हिरासत शिविर बनाए जाएंगे. इसके बाद गैरकानूनी तौर से रह रहे लोगों को निर्वासित किया जाएगा. ऐसे ये हुई मुसलमान ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के मौके पर डरे हुए हैं. वह जानते हैं कि निर्वासन का मतलब जेल या श्रम शिविरों में सालों तक रहना होगा.

यान को हिरासत में लिया
इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक खबर में लिखा है कि चीन में यान नाम की एक औरत को हिरासत में लिया गया. फिर 20 दिनों से ज़्यादा वक्त के लिए मनोरोग अस्पताल भेज दिया गया. उन्होंने दो ऑनलाइन कुरान प्रार्थना समूहों को छोटे-छोटे दान दिए थे. पुलिस ने उन पर इल्जाम लगाए कि वह धार्मिक आतंकवादियों का सपोर्ट करती हैं और उसे "कट्टरपंथी धार्मिक कट्टरपंथी" कहा. हालांकि वह खुद को बहुत धार्मिक नहीं मानती.

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हिरासत में लिए गए चीनी
चीन के लोग बढ़ती संख्या, निराशाजनक आर्थिक संभावनाओं और राजनीतिक उत्पीड़न से बचने के लिए पलायन करते हैं. कई लोग डेरियन गैप के ज़रिए संयुक्त राज्य अमेरिका पहुंचने में कामयाब हो गए हैं. एक डेटा के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर 2024 में 38,000 से ज़्यादा चीनी प्रवासियों को अस्थायी रूप से हिरासत में लिया गया. यह साफ नहीं है कि उनमें से कितने मुसलमान हैं.

क्वीस में हैं हुई मुसलमान
बीते शुक्रवार की दोपहर को, यान उन 15 लोगों में शामिल थीं, जो न्यूयॉर्क शहर के फ्लशिंग, क्वींस में एक तीन मंजिला घर में जमा हुए थे. आश्रय गृह में प्रवासियों को पहले दो हफ्ते तक निःशुल्क रहने की सुविधा दी जाती है, उसके बाद वे बसने के लिए जगह ढूंढ़ सकते हैं. होम ऑफ़ मुस्लिम के नाम से जाना जाने वाला यह एक सामुदायिक केंद्र के रूप में भी काम करता है. यहां वे एक-दूसरे का सपोर्ट कर सकते हैं.

हुई पर अत्याचार
चीन में लगभग 25 मिलियन मुसलमानों में से 11 मिलियन हुई हैं, जिनकी उत्तर-पश्चिम में बड़ी मौजूदगी है, लेकिन वे देश के चारों ओर के इलाकों में भी रहते हैं. हुई, उइगरों की तुलना में चीनी समाज में बेहतर तरीके से जुड़े हुए हैं. ये लोग खास तौर से झिंजियांग में रहते हैं. हुई लोगों को उइगरों जितना उत्पीड़न नहीं झेलना पड़ा है, लेकिन इस्लाम पर कार्रवाई ने इस समूह को काफी परेशान किया है.

मुस्लिमों पर पाबंदी
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को किसी भी धर्म से वैचारिक प्रतिस्पर्धा का डर है. देश भर में, सरकार ने मस्जिदों की मीनारें और गुंबदों को ध्वस्त कर दिया है, अरबी लिपि के सार्वजनिक इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई है. बच्चों को कुरान पढ़ने से मना किया गया है. सबसे धार्मिक मुसलमानों को पुनर्शिक्षा शिविरों में भेज दिया है.

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