Pakistan Election 2024: पाकिस्तान ने 18 जनवरी को ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के ‘आतंकी ठिकानों’ पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए. इस सैन्य हमले में 9 लोगों की मौत हो गई. पाकिस्तान ने ये हमला ईरान द्वारा पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी बलूच आतंकवादी ग्रुप ‘जैश अल-अदल’ के ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने के दो दिन बाद किए.
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Pakistan Election 2024: पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार और इलेक्शन कमीशन ने कहा है कि देश में आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव ईरान के साथ बढ़ते तनाव से प्रभावित नहीं होंगे. पाकिस्तान ने 18 जनवरी को ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के ‘आतंकी ठिकानों’ पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए. इस सैन्य हमले में 9 लोगों की मौत हो गई.
पाकिस्तान ने ये हमला ईरान द्वारा पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी बलूच आतंकवादी ग्रुप ‘जैश अल-अदल’ के ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने के दो दिन बाद किए. ईरान के हमले के बाद पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया और पहले से तय हाई लेवल मीटिंग और द्विपक्षीय यात्राओं को कैंसिल कर दिया.
एक सावल में पूछा गया कि क्या पाकिस्तान और ईरान के बीच तनाव प्रस्तावित चुनावों और उसके प्रोग्राम को प्रभावित करेगा? इस पर पाकिस्तान इलेक्शन कमीशन के नुमाईंदे ने कहा कि मीशन अब भी प्रतिबद्ध है और पहले से तय वक्त पर चुनाव कराने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान-ईरान तनाव की वजह से चुनाव की तारीख की समीक्षा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा कि कमीशन चुनाव की तैयारी में व्यस्त है. उन्होंने कहा, ‘‘हम हमेशा की तरह काम कर रहे हैं और आठ फरवरी को चुनाव कराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’’
वहीं, पाकिस्तान के इन्फॉर्मेशन मिनिस्टर मुर्तजा सोलांगी ने भी कहा कि चुनाव वक्त पर होंगे और दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव का चुनाव प्रोग्राम पर कोई असर नहीं पड़ेगा. मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान और ईरान के बीच तनाव अब कम होना शुरू हो गया है. चुनाव कराने के लिए जरूरी सिक्योरिटी के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री ने कहा कि सरकार शांतिपूर्ण तरीके से वोटिंग कराने के लिए इलेक्शन कमीशन को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करेगी. उन्होंने इस दौरान कहा, ‘‘अब घोषित तिथि पर आम चुनाव से पीछे हटने की कोई जरूरत नहीं है.’’
बता दें कि ईरान के हमले और पाकिस्तान के जवाबी हमलों ने पश्चिम एशिया के अस्थिर इलाकाओं में चिंताएं बढ़ा दी है, जहां पहले से ही गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इसराइल के जंग और यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बनाए जाने से तनाव है.