Uttar Pradesh News: हाल ही में पाकिस्तान में कई शिया मुसलमानों की टार्गेट किलिंग हुई है. इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ में शिया मुसलमानों ने धरना दिया है. उनका कहना है कि पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाया जाना चाहिए.
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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिया मुसलमानों के ग्रुप ने पाकिस्तान के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन किया. ये विरोध प्रदर्शन इसलिए किया गया कि पाकिस्तान के खैबर पखतूनख्वा प्रांत में शिया मुसलमानों की टार्गेट किलिंग हुई है. धरना करने वालों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए. खबर है कि पाकिस्तान में हफ्ते भर से ज्यादा वक्त तक चले दंगों में एक दर्जन से ज्यादा शिया मुसलमानों का कत्ल किया गया.
पाकिस्तान पर डाला जाए दबाव
ऑल इंडिया शिया हुसैनी फंड लखनऊ के सचिव सैयद हसन मेहंदी ने गृह मंत्री अमित शाह को एक खत लिखा है, जिसमें मांग की गई है कि भारत सरकार को पाकिस्तान में शिया समुदाय की सुरक्षा का मुद्दा उठाना चाहिए. उन्होंने अपने खत में पाकिस्तान के शिया समुदाय पर की जा रही ज्यादती के बारे में लिखा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव डाला जाना चाहिए.
पाकिस्तान सरकार ने दिया आतंकवाद का साथ
अमित शाह को लिखे खत में सैयद मेहंदी हसन ने कहा "दो दिन पहले पाराचिनार के आतंकवादियों ने अल्पसंख्यक शिया समुदाय के औरतों और बच्चों को बेरहमी से कत्ल कर दिया. पाकिस्तान में बीते 35 सालों में हजारों शियाओं का कत्ल कर दिया गया, लेकिन पाकिस्तान सरकार किसी को भी सुरक्षा देने में नाकाम रही है. हैरत की बात यह है कि पाकिस्तान की सभी सरकारों ने आतंकवाद का साथ दिया."
काफिर कह कर मारा जाता है
उन्होंने गृहमंत्री से गुजारिश की कि पाकिस्तान में जो शिया समुदाय के लोग मारे जा रहे हैं इस पर भारत के शिया मुसलमानों की चिंताओं पर गौर करें. उन्होंने आगे कहा कि "हमारा देश हिंदू राष्ट्र कहलाता है, लेकिन यहां शिया पूरी इज्जत, सुरक्षा से रहते हैं और उन्हें धार्मिक काम करने की पूरी आजादी है. लेकिन पाकिस्तान जिसे तथाकथित तौर से इस्लामिक देश कहा जाता है, यहां शिया मुसलमानों को काफिर कह कर मारा जाता है."
भारत के मुसलमान चिंतित
लखनऊ में हो रहा शिया बिरादरी का विरोध प्रदर्शन ये दिखाता है कि भारत के शिया मुसलमान पाकिस्तान में रह रहे शिया मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर कितना चिंतित हैं. भारत के शिया मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान में चल रहे सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर कार्रवाई की जानी चाहिए.