इस मुस्लिम देश का हो गया है गाजा जैसा हाल, नेतन्याहू नहीं, उनके अपने लोग हो गए हैं खून के प्यासे; टेंशन में UN
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इस मुस्लिम देश का हो गया है गाजा जैसा हाल, नेतन्याहू नहीं, उनके अपने लोग हो गए हैं खून के प्यासे; टेंशन में UN

UN on Sudan Violence: सूडान में रिफ्यूजी कैंपों पर हमले हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यकर्ता इन हमलों से चिंतित हैं और हिंसा के बीच मानवीय सहायता पहुंचाने से कतरा रहे हैं क्योंकि ऐसा करने में उनकी जान को खतरा है. 

इस मुस्लिम देश का हो गया है गाजा जैसा हाल, नेतन्याहू नहीं, उनके अपने लोग हो गए हैं खून के प्यासे; टेंशन में UN

UN on Sudan Violence: सूडान में हालात गाजा से भी बदतर होते जा रहे हैं. यहां कोई यहूदी देश या कोई यूरोपीय देश हमला नहीं कर रहा है, बल्कि सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए अपने ही लोगों के खून के प्यासे हो गए हैं. सूडान में 2021 से ही हिंसा का दौर जारी है. आपसी रंजिश के कारण सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल अस्पतालों, स्कूलों और रिफ्यूजी कैंपों पर भी हमले कर रहे हैं. हाल में सूडान में अस्पातल पर हमले हुए थे, जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. 

रिफ्यूजी कैंप पर भी हो रहे हैं हमले
अब स्थिति यह हो गई है कि रिफ्यूजी कैंपों पर हमले हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यकर्ता इन हमलों से चिंतित हैं और हिंसा के बीच मानवीय सहायता पहुंचाने से कतरा रहे हैं क्योंकि ऐसा करने में उनकी जान को खतरा है. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यकर्ताओं ने कहा है कि पश्चिमी सूडान में विस्थापित लोगों के कैंप में और उसके आसपास लड़ाई बढ़ने से सहायता कार्यकर्ता चिंतित हैं. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने शुक्रवार को कहा कि पिछले सप्ताह उत्तरी दारफुर राज्य के एल फशेर के बाहर ज़मज़म विस्थापन शिविर पर हमले बढ़ गए हैं. 

UN कर्मचारियों पर हो रहे हैं हमले
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ओसीएचए ने कहा कि उपग्रह से प्राप्त चित्रों से भारी हथियारों के प्रयोग तथा उत्तरी दारफुर की राजधानी एल फशेर के मुख्य बाजार क्षेत्र के विनाश का संकेत मिलता है. कार्यालय ने कहा, "ज़मज़म में अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों ने बड़ी संख्या में नागरिकों के हताहत होने की सूचना दी है, जिनमें कथित तौर पर मारे गए लोगों में मानवीय कर्मचारी भी शामिल हैं. घायलों सहित नागरिकों को कथित तौर पर क्षेत्र से बाहर जाने से रोका जा रहा है."

भूख से तड़प रहे हैं सूडान के लोग 
ओसीएचए ने कहा कि ज़मज़म में लाखों विस्थापित लोगों के रहने का अनुमान है. यह सूडान में अकाल की स्थिति वाले स्थानों में से एक है, जिससे कैंप के बाज़ार क्षेत्र के विनाश की रिपोर्ट विशेष रूप से चिंताजनक है. कार्यालय ने यह भी कहा कि विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) अपने भागीदारों के साथ मिलकर ज़मज़म और उसके आस-पास के 300,000 विस्थापित लोगों को महत्वपूर्ण खाद्य और पोषण सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है. हिंसा के इस नवीनतम दौर ने परिवारों और जीवन-रक्षक कार्यों को और अधिक जोखिम में डाल दिया है.

UN ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के मुख्य प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि मानवीय मामलों के अवर महासचिव और आपातकालीन राहत समन्वयक टॉम फ्लेचर और शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी सूडान में युद्ध के पीड़ितों की सहायता के लिए अपील करेंगे.

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