Uttarakhand News: इस मुस्लिम संगठन ने UCC के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- रद्द करो कानून
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Uttarakhand News: इस मुस्लिम संगठन ने UCC के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- रद्द करो कानून

Uttarakhand News: देश में समान नागरिक संहिता बीजेपी के कोर एजेंडे का हिस्सा है. बीजेपी हर इलेक्शन में इस मुद्दे को भुनाकर हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश करती है. बीती 27 जनवरी को बीजेपी शासित उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की गई थी. अब इस कानून के खिलाफ इस मुस्लिम संगठन ने मोर्चा खोल दिया है.

Uttarakhand News: इस मुस्लिम संगठन ने UCC के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- रद्द करो कानून

Uttarakhand News: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) कानून लागू हो गया है. मुस्लिम समुदाय के लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में मुस्लिम समुदाय ने यूसीसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान लोगों ने इस कानून को रद्द करने की भी मांग की है.

दरअसल, हरिद्वार में मुस्लिम सेवा संगठन के नेतृत्व में लोगों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और धामी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे थे. इसके साथ ही वे राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने हरिद्वार कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. जहां जिलाधिकारी कार्यालय में मौजूद नहीं थे. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने हरिद्वार तहसीलदार प्रियंका रानी को अपना ज्ञापन सौंपा, जिसे तहसीलदार प्रियंका रानी ने स्वीकार कर लिया.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
वहीं, विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और कलेक्ट्रेट के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि किसी भी तरह की कानून व्यवस्था को खराब नहीं होने दिया जाएगा. वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यूसीसी उनकी धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है और इसे तुरंत हटाया जाना चाहिए. प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सतर्कता बरती जा रही है.

उत्तराखंड में कब लागू हुआ UCC
देश में समान नागरिक संहिता बीजेपी के कोर एजेंडे का हिस्सा है. बीजेपी हर इलेक्शन में इस मुद्दे को भुनाकर हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश करती है. बीती 27 जनवरी को बीजेपी शासित उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की गई थी. उत्तराखंड स्वतंत्र भारत में समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया. उत्तराखंड के बाद अब गुजरात सरकार ने भी राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए 5 सदस्यीय समिति बनाई है, जो अगले 45 दिनों में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. यह कानून लागू होने के बाद कई चीजे बदल गई है.

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