Parliament Winter Session: संसद के विंटर सेशन ( शीतकालीन सत्र ) के तीसरे दिन गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर अपनी बात रखी.आइए आसान भाषा में समझते हैं कि अगर ये विधेयक कानून का रूप लेता है तो जम्मू-कश्मीर में क्या बदलाव होगा और वहां के आवाम को क्या फायदा होगा.
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Parliament Winter Session: संसद के विंटर सेशन ( शीतकालीन सत्र ) के तीसरे दिन गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने इस दौरान जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर भी अपनी बात रखी. शाह ने बुधवार 6 दिसंबर को कहा कि जम्मू-कश्मीर में महाराजा हरि सिंह ने विलय का फैसला लिया और इसके बाद यहां पर कई बदलाव हुए.
उन्होंने कांग्रेस का बिना नाम लेते हुए कहा जिन लोगों को विस्थापितों की खैर खबर लेनी चाहिए थी और जम्मू- कश्मीर के बारे में फिक्र करना चाहिए था, वे लोग उस वक्त इंग्लैंड में छुट्टियां सेलिब्रेट कर रहे थे. अगर वक्त रहते कड़े फैसले लिए गए होते तो यहां की हालात नहीं बिगड़ते और ये नया बिल उन विस्थापितों को बुनियादी हक देगा.
बता दें कि अमित शाह ने मंगलवार, 5 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन (अमेंडमेंट) विधेयक, 2023 और दूसरा- जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन (अमेंडमेंट) विधेयक, 2023 को लोकसभा में पेश किया था. जिसके बाद उन्होंने बुधवार, 6 दिसंबर को इस विधेयक से जुड़े सवालों के जवाब दिए.
आइए आसान भाषा में समझते हैं कि अगर ये विधेयक कानून का रूप लेता है तो जम्मू-कश्मीर में क्या बदलाव होगा और यहां की आवाम को क्या फायदा होगा.
1. 114 हो जाएंगी विधानसभा सीट
साल 2019 में मौजूदा सरकार ने जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन 2019 के नाम से एक विधेयक लाई थी. इसके लागू होने के बाद 5 अगस्त को साल 2019 को ही स्पेशल स्टेटस देने वाले आर्टिकल 370 को समाप्त कर दिया गया था. इसके बाद जम्मू-कश्मीर से अलग होकर लद्दाख के रूप में नया केंद्र शासित प्रदेश का जन्म हुआ. तब से दोनों अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गए. लेकिन अब इसमें और संशोधन किया जा रहा है.
इस संशोधन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ जाएंगी. अगर ये विधेयक कानून की शक्ल लेता है तो जम्मू-कश्मीर में विधान सभी सीटों में बढ़ोरी हो जाएगी और 114 सीटों तक पहुंच जाएंगी.
2. महिला के लिए एक सीट रिजर्व्ड
गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा कि विस्थापितों के लिए कश्मीर में दो सीटें रिजर्व्ड होंगी, जिसमें एक सीट POK से विस्थापित को दी जाएगी. जबकि कश्मीर में दी जाने वाली प्रवासियों को दो सीटों में से एक पर महिला को अनिवार्य तौर पर शामिल किया जाएगा. इस तरह से महिला के लिए एक सीट रिजर्व्ड किया गया है.
3. उपराज्यपाल करेंगे इन सीटों पर नामित
रिजर्व्ड सीट पर कश्मीर प्रवासी और विस्थापित लोगों को नामित करने का काम उपराज्यपाल ( Lieutenant Governor ) करेंगे. बता दें कि ये रिजर्व्ड सीटें जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों से अलग होंगी. इस तरह कुल टोटल सीटों की संख्या बढ़कर 93 हो जाएंगी. जबकि SC और ST कम्युनिटी के लिए 16 सीटें आरक्षित की गई हैं. जिसमें से ST के लिए 9 और SC के लिए 7 सीटें हैं.
4. इन जगहों पर बढ़ाई जाएंगी सीटें
रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू के राजौरी, कठुआ, किश्तवाड़, डोडा, सांबा, और उधमपुर में 1-1 सीट का इजाफा किया गया है. वहीं, कश्मीर में कुपवाड़ा जिले में एक सीट बढ़ाया गया है,इसके साथ यहां पर 6 सीटें हो गई हैं. इससे पहले यहां पर 5 सीटें थीं.
5. इस बिल में क्या है नया
जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन (अमेंडमेंट) विधेयक के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरी में रिजर्वेशन देगा, साथ ही पिछड़े स्टूडेंट्स को कॉलेज और यूनिवर्सिटी में रिजर्वेशन मिलेगा. हालांकि, सरकार ने LOC के नजदीक और इंटरनेशनल बॉर्डर के पास बसे गांव में रहने वाले लोगों को पहले ही पिछड़ा घोषित कर दिया है.