Rashid Khan Kumbh Song: संभल के एक सरकारी स्कूल के टीचर राशिद खान ने महाकुंभ गीत गाकर हलचल मचा दी है. राशिद खान के गीत के बोल हैं- ये कुंभ बड़ा अलबेला है ये संतों का मेला है... इस गीत की हर जगह तारीफ हो रही है.
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Rashid Khan Kumbh Song: ' मोरे रोम- रोम में बसने वाले राम' भजन शायर साहिर लुध्यान्वी ने लिखे हैं.. 'मोहे पनघट पे नन्दलाल छेड़ गयो रे और 'मन तड़पत हरि दर्शन को आज' शकील बदायुनी ने लिखा है. इसी तरह हिंदी में गाये ज़्यादातर भजन को मोहम्मद रफ़ी ने अपनी आवाज़ दी है. रसखान तो कृष्ण भक्ति में डूबे रहते थे. हिंदी के महान पौराणिक कथा' महाभारत' को घर-घर तक रही मासूम रजा ने पहुंचाने के काम किया, लेकिन कभी हिन्दू धर्म खतरे में नहीं पड़ा. यही इस मुल्क की विरासत और संस्कृति रही है, लेकिन अमृत्काल में हिन्दू धर्म जरा सी बात पर खतरे में आ जाता है.
कुंभ के थीम गीत 'ये कुंभ बड़ा अलबेला है ये संतों का मेला है' को एक मुस्लिम टीचर राशिद खान के गाने से धर्म खतरे में आ गया है. इस गीत को संभल के एक सरकारी स्कूल के टीचर राशिद खान ने आवाज़ दी है, जिसकी आम हिन्दुस्तानी अवाम ने सराहना की है, लेकिन कुछ साम्प्रदायिक तत्वों को ये बात हजम नहीं हुई है, और उनको इस मुस्लिम शिक्षक की आवाज़ में भी खतरा दिख रहा है. वही इस गीत के बहाने योगी सरकार भी कुछ साधू संतों के निशाने पर आ गई है.
लोग कर रहे हैं तारीफ
संभल के एक सरकारी स्कूल के टीचर राशिद खान ने महाकुंभ गीत गाकर हलचल मचा दी है. राशिद खान के गीत के बोल हैं- ये कुंभ बड़ा अलबेला है ये संतों का मेला है... इस गीत की हर जगह तारीफ हो रही है. साधु-मौलवी भी इसकी तारीफ कर रहे हैं. वहीं, कुछ असमाजिक तत्वों ने टीचर राशिद खान को ट्रोल कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, प्रयागराज के महाकुंभ के प्रचार-प्रसार के लिए महाकुंभ गीत ये कुंभ बड़ा अलबेला है, संतों का मेला है महाकुंभ मेले और देश के अन्य जिलों में खूब बजाया जा रहा है. इस गीत को संभल के पीसीएस अधिकारी विनय मिश्रा ने लिखा है महाकुंभ के इस गीत को लेकर टीचर राशिद खान की खूब तारीफ हो रही है.
मुस्लिम टीचर को मिला महाकुंभ में आने का न्योता
मुस्लिम टीचर राशिद खान को महाकुंभ मेला प्रबंधन की ओर से फरवरी माह में होने वाले महाकुंभ में आमंत्रित भी किया गया है, लेकिन मुस्लिम राशिद खान के इस गीत को गाने पर बीजेपी सरकार मुस्लिम धर्मगुरुओं के निशाने पर आ गई है. मुस्लिम धर्मगुरु और मौलाना राशिद खान महाकुंभ गीत गाने पर राशिद खान की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं.
जमुनी तहजीब की मिसाल कायम
मुस्लिम धर्मगुरुओं का कहना है कि बीजेपी ने वोट की राजनीति के लिए महाकुंभ में मुसलमानों का एंट्री रोक दिया, जिससे रोजगार की उम्मीद लगाए बैठे कई मुसलमानों की उम्मीदें टूट गईं, लेकिन मुस्लिम शिक्षक ने अपनी आवाज में गीत गाकर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल कायम की है. मुस्लिम धर्मगुरु बदरे आलम ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गंगा जमुनी तहजीब हमारी सांस्कृतिक विरासत है. मुस्लिम शिक्षक राशिद खान ने महाकुंभ का यह गीत गाकर मिसाल कायम की है.