एक नई रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा किया कि दुनिया के पांच सबसे अमीर लोग अगर हर रोज़ 1 मिलियन डॉलर खर्च करते हैं तो उन्हें अपना पूरा पैसा खत्म करने में 476 साल लगेंगे.
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एक नई रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा किया कि दुनिया के पांच सबसे अमीर लोग अगर हर रोज़ 1 मिलियन डॉलर खर्च करते हैं तो उन्हें अपना पूरा पैसा खत्म करने में 476 साल लगेंगे. दुनिया के पांच सबसे अमीर लोगों में एलन मस्क, मार्क जुकरबर्ग और जेफ बेजोस जैसे टेक अरबपतियों का नाम शामिल हैं. ऑक्सफैम नामक यूके बेस संगठन के अनुसार दुनिया के 5 सबसे अमीर व्यक्तियों की पूरी प्रॉपर्टी साल 2020 के बाद से 405 बिलियन डॉलर से दुगनी होकर 869 बिलियन डॉलर हो गई है जबकि लगभग पांच बिलियन लोग गरीब हो गए हैं.
रिपोर्ट में यह भी बताया कि अगर स्थिति इसे ही चलती रही तो आने वाले दस साल से भी कम समय में दुनिया को अपना पहला खरबपति देखने को मिलेगा लेकिन विडंबना यह है कि आने वाले अगले 229 वर्षो में भी दुनिया से गरीबी खत्म नही हो पाएगी.ऑक्सफैम इंटरनेशनल के अंतरिम कार्यकारी निदेशक, अमिताभ बेहार का कहना है कि, "यह असमानता अचानक नहीं आई है; अरबपति वर्ग यह सुनिश्चित कर रहा है कि बाकी सभी की कीमत पर उन्हें और अधिक पैसा मिले.
आपको बता दें कि 2020 की तुलना में अरबपति आज 3.3 ट्रिलियन डॉलर या 34% और ज्यादा अमीर होगया है. उनकी संपत्ति मुद्रास्फीति की दर से तीन गुना तेजी से बढ़ रही है.रिपोर्ट में यह भी बताया कि वैश्विक स्तर महिलाओं की तुलना में पुरुषों के पास 105 ट्रिलियन डॉलर ज्यादा संपत्ति है. यह अंतर अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आकार के चार गुना से भी ज्यादा के बराबर है. स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्र में एक बड़ी फॉर्च्यून 100 फर्म के सीईओ जितना कमाने के लिए एक महिला कर्मचारी को कम से कम 1200 साल काम करना पड़ेगा. इतना ही नही आपको यह बात जान कर हैरानी होगी कि लगभग 800 मिलियन मजदूरों की मजदूरी मुद्रास्फीति के साथ तालमेल नहीं खाती और बीते 2 सालों में उन्हें 1.5 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.