तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर की कार को अफगानिस्तान सरकार ने ढूंढ़ निकाला है. अफगानिस्तान की सत्ता कब्जाने के बाद से ही लगातार मुल्ला उमर की कार की तलाश कर रहा था. इस कार को अफगानिस्तान के एक म्यूजियम में रखा जाएगा.
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नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान का राज है, और यहां हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. लेकिन तालिबान अपने हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अब तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल तालिबान के लड़ाकों ने मुल्ला उमर की उस कार को ढूंढ़ निकाला है तो उसके 21 साल पहले मिट्टी में दफन की थी. मुल्ला उमर 2001 में 9/11 हमलों के बाद अमेरिका से बचने के लिए भार रहा था. वह इस कार के ज़रिए कंधार से काबुल प्रांत तक गया. जब अमरीका की सेना अफगानिस्तान में दाखिल हुई तो मुल्ला उमर ने अपनी कार को जमीन ते नीचे दफ्न कर दिया.
2022 में तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता कब्जा ली. जिसके बाद उसने अपने संस्थापक की कार ढूंढने का फैसला किया. तलाश करने के बाद मुल्ला उमर की कार काबुल प्रांत से ब्रामद गुई. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उमर की कार एक प्लास्टिक से लिपटी हुई थी, और उसकी कंडीशन बिलकुल सही है. लेकिन इस कार का आगे का शीशा पूरी तरह से टूटा हुआ मिला है. कार मिलने के बाद तालिबान ने फैसला किया है कि मुल्ला उमर की इस कार को नेशनल म्यूजियम में रखा जाएगा.
मुल्ला का जन्म अफगानिस्तान के कंधार में हुआ था. 1960 में जन्मे मुल्ला उमर ने 1980 में सोवियत संघ के खिलाफ जंग लड़ी. इस जंग में उसने अपनी एक आंख खो दी. जिसके बाद अफगानिस्ता और दूसरे देशों में वह एक आंख वाला मुल्ला के नाम से भी मशहूर हो गया. सोवियत संघ से जंग के बाद मुल्ला उमर ने 1994 में तालिबान को खड़ा किया और उसे इतना मजबूत किया कि 1996 में अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया. जिसके बाद वह अपने आखरी वक्त तक तालिबान का चीफ बना रहा.
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