National Anthem Of India: 'जन गण मन' (Jana Gana Man) को भारत का राष्ट्रगान बने हुए 112 वर्ष हो चुके हैं. इस मौके पर हम आपको राष्ट्रगान के बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं.
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National Anthem: आज से कुछ दिन बाद पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा होगा. 26 जनवरी 1950 से लेकर अब तक हर साल गणतंत्र दिवस मनाता है. इस दिन भारत को अपना संविधान मिला था. लेकिन क्या आपको बता को 26 जनवरी से दो दिन पहले यानी 24 जनवरी हमें राष्ट्रगान मिला था. जी हां 24 जनवरी 1911 को 'जन गण मन' राष्ट्रगान घोषित किया था. जिसके लेखक विश्वविख्यात कवि, नोबेल पुरुस्कार विजेता रबीन्द्रनाथ टैगोर हैं. राष्ट्रगान को गाने की समय सीमा 52 सेकेंड है.
➤ सिविल और मिलिट्री इंस्टालेशन के दौरान
➤ राष्ट्रपति या राज्यों/संघ अंदर राज्यपाल/लेफ्टिनेंट गवर्नर को खास मौकों पर राष्ट्र गान के साथ राष्ट्रीय सलामी.
➤ परेड के दौरान.
➤ औपचारिक राज्य प्रोग्राम्स के दौरान और सरकार के ज़रिए किए जा रहे है प्रोग्राम में राष्ट्रपति के आने पर भी राष्ट्रगान गाया जाता है.
➤ रेडियो टीवी पर राष्ट्रपति के राष्ट्र को संबोधन से पहले और बाद में.
➤ राष्ट्रीय ध्वज को परेड में लगाते वक्त.
➤ राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के मौके पर.
इसके अलावा भी कई अन्य मौके हैं जब राष्ट्रगान गाया/बजाया जाता है. राष्ट्रगान के गायन से पहले एक बैंड बजाया जाता है, ताकि प्रोग्राम में मौजूद सभी लोग यह जान सकें कि अब राष्ट्रगान शुरू होने वाला है.
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यह तो आपको पता ही लग गया है कि 'जन गण मन' को 24 जनवरी 1911 को भारत का राष्ट्रगान गोषित किया गया था लेकिन इसको पहली बार गाया कब गया था? तो इसका जवाब है कि 27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के कलकत्ता में हुए अधिवेशन में गाया गया था. उस वक्त यह बंगाली और हिंदी भाषा दोनों में गाया गया था.
जन गण मन अधिनायक जय हे
(हे भारत के जन गण और मन के नायक)
भारत-भाग्य-विधाता
(आप भारत के भाग्य के विधाता हैं)
पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा
(वह भारत जो पंजाब, सिंध, गुजरात, महाराष्ट्र)
द्रविड़, उत्कल, बंग
(तमिलनाडु, उड़ीसा और बंगाल जैसे प्रदेश से मिलकर बना है)
विंध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा
(जहाँ विंध्याचल तथा हिमालय जैसे पर्वत है और गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियाँ हैं)
उच्छल जलधि तरंगा
(जिनकी तरंगें बहुत ऊँचाई तक उठती हैं)
तव शुभ नामे जागे
(आपका शुभ नाम लेकर ही हम प्रातः उठते हैं)
तव शुभ आशीष मांगे
(और आपके आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं)
गाहे तव जयगाथा,
(सभी आपकी ही जय की गाथा गायें)
जन-गण-मंगलदायक जय हे,
(हे जनों का मंगल करने वाले आपकी जय हो)
भारत-भाग्य-विधाता
(आप भारत के भाग्य के विधाता हैं)
जय हे, जय हे, जय हे
(आपकी जय हो जय हो जय हो)
जय, जय, जय, जय हे
(जय जय जय जय हे)
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