Dengue cases: दिल्ली-एनसीआर में डेंगू के मामले पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं, जिरके बाद सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां वायरल संक्रमण से निपटने की तैयारी में जुट गई हैं.
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दिल्ली-एनसीआर में डेंगू के मामले पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं, जिरके बाद सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां वायरल संक्रमण से निपटने की तैयारी में जुट गई हैं. सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि देश भर में बड़े और छोटे शहरों में भी डेंगू के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. एमसीडी के एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ और जलभराव के अलावा, डेंगू पर बेहतर रिपोर्टिंग भी एक अन्य कारण है कि इस साल अधिक संख्या में मामले सामने आ रहे हैं.
बता दें कि डेंगू मच्छर के काटने से होता है और यह ट्रॉपिकल और सब-ट्रॉपिकल जलवायु में प्रचलित है. डेंगू वायरस एडीज प्रजाति के संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है. डब्ल्यूएचओ ने अनुमान लगाया है कि दुनिया की लगभग आधी आबादी अब डेंगू के खतरे में है और हर साल अनुमानित 100-400 मिलियन संक्रमण होते हैं.
डेंगू दूसरी बार हो जाए तो क्या होगा?
कई लोगों को डेंगू दूसरी बार भी होता है. डेंगू वायरस को चार कैटिगरी में बांटा गया- डेन - 1, डेन 2, डेन 3 और डेन 4. इसलिए जब भी कोई व्यक्ति संक्रमित होता है, तो आमतौर पर केवल एक प्रकार का वायरस शामिल होता है. अगर किसी को दूसरी बार डेंगू हो जाता है, तो यह अधिक खतरनाक हो सकता है. यह डेंगू वायरस सीरोटाइप क्रॉस-रिएक्टिविटी का परिणाम है. किसी व्यक्ति में गंभीर डेंगू विकसित होने की संभावना अधिक होती है यदि उनमें पहले से ही डेंगू वायरस का एक सीरोटाइप हो और फिर एक अलग सीरोटाइप हो जाए. इसका कारण यह है कि इम्युन सिस्टम कैसे प्रतिक्रिया करती है.
डेंगू होने पर कौन से एहतियाती उपायों का पालन करना चाहिए?
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)