Risk of stroke in women: महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा कई कारकों से प्रभावित होता है, यहां आप 5 सबसे कॉमन कारणों को जान सकते हैं.
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महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है. इसके लिए कई कारक जिम्मेदार हैं. इसमें मुख्य रूप से जीवनशैली की आदतों से लेकर स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे शामिल हैं. हर साल लाखों लोग स्ट्रोक के कारण अपनी जान गंवाते हैं, ऐसे में इससे बचावे के लिए इन 5 कारणों को समझना जरूरी है-
उम्र
महिलाओं में उम्र के साथ स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है. विशेष रूप से 55 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में स्ट्रोक का जोखिम अधिक होता है. इस उम्र में हार्मोनल बदलाव और ब्लड प्रेशर के हाई लेवल जैसे कारण इसे और बढ़ाते हैं.
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हार्मोनल परिवर्तन
महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन, जैसे मेनोपॉज के दौरान होने वाले बदलाव, स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकते हैं. एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होने से खून की नलियों में सूजन और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर महिलाओं में स्ट्रोक का प्रमुख कारण है. ऐसे में यदि इसे समय पर कंट्रोल नहीं किया गया, तो यह स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है.
डायबिटीज
डायबिटीज भी महिलाओं में स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है. ब्लड शुगर के बढ़ने पर खून की नलियां डैमेज होने लगती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ने से स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है.
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धूम्रपान और शराब का सेवन
धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन भी महिलाओं में स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है. ये आदतें भी खून की नलियों को कमजोर बनाते हैं, जो स्ट्रोक का कारण बनते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.