पहाड़ों पर ट्रैकिंग का एक्सपीरिएंस गजब का होता है, लेकिन अपनी सेहत का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है. सही तैयारी और सावधानियों के साथ आप अपने ट्रैकिंग के अनुभव को यादगार बना सकते हैं.
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Shortness Of Breath While Trekking: ट्रैकिंग का शौक रखने वाले लोगों के लिए पहाड़ों की ऊंचाइयों पर जाना एक रोमांचक एक्सपीरिएं, होता है. लेकिन अक्सर लोग इस दौरान सांस लेने में दिक्कत महसूस करते हैं. ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है, इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, खासकर अगर आप पहाड़ों की ट्रिप की प्लान कर रहे हैं.
सांस लेने में परेशानी क्यों होती है?
जब हम ऊंचाई पर चढ़ते हैं, तो हवा में ऑक्सीजन की मात्रा घटने लगती है।.समुद्र तल से 2,500 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई पर एटमॉस्फेरिक प्रेशर कम हो जाता है, जिससे शरीर को नॉर्मल तरीके से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती. इसे "हाई-एल्टीट्यूड सिकनेस" कहा जाता है. इसके लक्षणों में सांस लेने में दिक्कतें, थकान, चक्कर आना, सिरदर्द और मतली शामिल हैं.
शरीर पर इसका असर कैसे पड़ता है?
1. कम ऑक्सीजन स्तर
ज्यादा एल्टीट्यूड पर ऑक्सीजन की कमी से फेफड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती, जिससे सांस फूलने लगती है.
2. एडैप्टेशन की कमी
शरीर को नई ऊंचाई पर वातावरण के मुताबिक ढलने में वक्त लगता है. अचानक ऊंचाई पर जाने से शरीर का एडैप्टेशन सही ढंग से नहीं हो पाता.
3. फिजिकल फिटनेस
जिन लोगों की फिजिकल फिटनेस कमजोर होती है, उन्हें इस समस्या का सामना अधिक करना पड़ता है.
सांस लेने की दिक्कत से बचने के उपाय
1. धीरे-धीरे चढ़ाई करें
ट्रैकिंग के दौरान ऊंचाई पर चढ़ने की गति धीमी रखें ताकि शरीर को वातावरण के अनुसार एडैप्ट करने का वक्त मिल सके.
2. हाइड्रेटेड रहें
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. शरीर में नमी बनाए रखना बेहद जरूरी है.
3. ब्रेक लें
हर कुछ टाइम के बाद रुककर सांस लें और आराम करें.
4. एडैप्टेशन का वक्त दें
ट्रैकिंग शुरू करने से पहले कुछ दिन उस इलाके में बिताएं ताकि शरीर ऊंचाई के माहौल में ढल सके.
5. सही डाइट लें
हल्का और पौष्टिक भोजन करें जो शरीर को एनर्जी दे सके.
क्या करें अगर सांस लेने में परेशानी हो?
अगर सांस फूलने लगे या अन्य लक्षण महसूस हों, तो तुरंत रुक जाएं और गहरी सांस लें. ऑक्सीजन की कमी से बचने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर साथ रखें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.