Begusarai News: नीतीश-नवीन को भारत रत्न देने की मांग पर राजनीति तेज, विपक्ष ने उठाए सवाल
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Begusarai News: नीतीश-नवीन को भारत रत्न देने की मांग पर राजनीति तेज, विपक्ष ने उठाए सवाल

Begusarai News: गिरिराज सिंह के इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. बीजेपी इसे नीतीश कुमार और नवीन पटनायक के कामों की तारीफ बता रही है, जबकि विपक्ष इसे चुनावी चाल कह रहा है.

 

Begusarai News: नीतीश-नवीन को भारत रत्न देने की मांग पर राजनीति तेज, विपक्ष ने उठाए सवाल

बेगूसराय: बेगूसराय में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भारत रत्न से सम्मानित के बयान में सियासत तेज हो गई है. दरअसल, बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए. उनके इस बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है. विपक्षी दलों, राजद और कांग्रेस ने इस मांग को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है.

राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार को बीजेपी अब हर तरह का रत्न देने की कोशिश कर रही है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह सब चुनावी रणनीति का हिस्सा है. तिवारी ने कहा कि अभी तो बीजेपी नीतीश कुमार को लुभाने के लिए भारत रत्न देने की मांग कर रही है, लेकिन अगर वे उनके साथ आते हैं, तो चुनाव के बाद उनका हश्र महाराष्ट्र के शिंदे जी जैसा ही होगा. बीजेपी पहले लुभाती है और फिर कुर्सी से बेदखल कर देती है.

साथ ही दूसरी ओर कांग्रेस नेता प्रवीण कुशवाहा ने भी गिरिराज सिंह के बयान पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह भले ही केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन अपनी जहरीली बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत रत्न की यह मांग केवल गठबंधन में अस्थिरता पैदा करने के लिए की जा रही है. कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी का दोहरा चरित्र हमेशा सामने आता है. यह पार्टी चुनावी फायदा उठाने के लिए बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन चुनाव के बाद अपने सहयोगियों को उसी राह पर ले जाती है, जिस पर पहले एकनाथ शिंदे और अब नवीन पटनायक को ले जाने की कोशिश हो रही है.

गिरिराज सिंह के इस बयान ने बिहार की राजनीति को गर्म कर दिया है. जहां बीजेपी इसे नीतीश कुमार और नवीन पटनायक के विकास कार्यों की सराहना बता रही है, वहीं विपक्ष इसे चुनावी चाल करार दे रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए दिया गया है, ताकि नीतीश कुमार और उनके समर्थकों को प्रभावित किया जा सके. हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान का बिहार की राजनीति और गठबंधन समीकरणों पर क्या असर पड़ता है.

इनपुट- शिवम कुमार 

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