Muzaffarnagar Latest News: मुजफ्फरनगर जिले में दाल- चावल समेत अन्य वस्तुओं को लेकर कारोबारियों ने तीन साल के भीतर लाखों का चूना लगा दिया है. मंडी के कर्मचारी व्यापारी नेता को सस्पेंड कराने की धमकी दे रहे है.
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Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर जिले में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें दाल-चावल समेत अन्य खाद्य वस्तुए बेचने वाले कई कारोबारीयों ने तीन साल के भीतर सरकार के लाखों रूपये का चूना लगाया. इस घोटाले का खुलासा जीएसटी पोर्टल पर किए गए बिजनेस के आंकड़ों से हुआ है, जिसमें मंडी समिति को दिए गए विवरण और जीएसटी पोर्टल पर दर्शाए गए बिजनेस में भारी अंतर पाया गया है. ज़ब इन कारोबारियों को मंडी समिति द्वारा नोटिस दिया गया तो मंडी के व्यापारी नेता सस्पेंड कराने की धमकी तक दे रहे है. दरअसल इन कारोबारीयों ने तीन साल के भीतर जीएसटी मे कुल 2 अरब 58 करोड़ 84 लाख 34 हजार 157 रुपये का टर्नओवर दिखाया. लेकिन मंडी समिति को शुल्क न देने के उद्देश्य से अपने बिजनेस के आंकड़ों में छेड़छाड़ की. जिसके कारण जीएसटी पोर्टल पर दर्ज बिजनेस के आंकड़ों से यह घोटाला उजागर हुआ.
नोटिस के बाद बोखलाए नेता
घोटाले का खुलासा होने पर मंडी समिति ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मैसर्स चतर सैन अनिल कुमार,मैसर्स प्रेम कीर्ति शरण अजय कुमार,मैसर्स रजत ट्रेडर्स,मैसर्स कामता प्रसाद एंड संस,मैसर्स सुमेर चंद प्रवीण कुमार, मैसर्स एसपी एंड संस, मैसर्स अरविन्द कुमार अभय जैन, मैसर्स गंगाराम हरेंद्र कुमार एंड संस,मैसर्स राहुल एजेंसी के नाम को नोटिस जारी किया. समिति ने कारोबारी से बैंक स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेज दिए हैं, लेकिन अभी तक समिति को इस नोटिस का कोई जवाब नहीं मिला है. जीएसटी व मंडी समिति के मिलान मे लगभग 34 करोड़ 76 लाख 97 हजार 991 रूपये का अंतर पाया गया है. इस नोटिस से ये भी पता चल रहा है इन फर्मो द्वारा लगभग 52 लाख 15 हजार 470 रूपये का मंडी शुल्क चोरी किया गया है जिससे सरकार को लाखो रूपये का चुना लगा है. नोटिस जाने के बाद व्यापारी नेता बोखला गए है.
मंडी समिति के निरीक्षक ने दी धमकी
मंडी समिति के निरीक्षक अनुज कुमार को फोन पर धमकी दे रहे है और सस्पेंड करने की धमकी तक दी गयी है. नोटिस कैसे ऑफिस से निकलकर मीडिया तक पंहुचा. किस प्रकार से कारोबारी अपने फायदे के लिए सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं. इस मामले में मंडी समिति की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन अब देखना होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और आरोपी कारोबारी को कब तक कानून के दायरे में लाया जा सकेगा. प्रशासन को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे घोटाले न हो सकें.
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