बिहार पुलिस की बड़ी कार्रवाई, प्रवासी श्रमिकों पर हमले संबंधी फर्जी वीडियो पोस्ट करने के मामले में 1 गिरफ्तार
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बिहार पुलिस की बड़ी कार्रवाई, प्रवासी श्रमिकों पर हमले संबंधी फर्जी वीडियो पोस्ट करने के मामले में 1 गिरफ्तार

बिहार पुलिस ने तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमलों से संबंधित असत्य, भ्रामक एवं उन्माद फैलाने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर प्रदेश के जमुई जिले के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.

 (फाइल फोटो)

Patna: बिहार पुलिस ने तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमलों से संबंधित असत्य, भ्रामक एवं उन्माद फैलाने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर प्रदेश के जमुई जिले के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इसकी जानकारी दी. 

इस मामले पर पुलिस ने दी जानकारी

बिहार पुलिस मुख्यालय से सोमवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु में रहने वाले बिहार के लोगों के संबंध में कतिपय हिंसात्मक घटनाओं से जुड़े वीडियो प्रसारित किये जाने के बाद उनकी जांच की गयी . इसमें कहा गया है कि प्रदेश की आर्थिक अपराध इकाई को जांच के क्रम में पता चला कि जानबूझ कर तथा सुनियोजित तरीके से भ्रामक, अफवाहजनक एवं भड़काऊ फोटो/वीडियो/टेक्स्ट मैसेज इत्यादि डालकर जनता के बीच भय का माहौल पैदा किया जा रहा है, जिससे विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की संभावना है .

 मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, ऐसे कुल 30 वीडियो एवं पोस्ट चिन्हित किये गये हैं तथा आर्थिक अपराध इकाई ने भादंवि की धारा-153, 153 (ए), 153 (बी), 505 (1) (बी), 505(1) (सी), 468, 471 एवं 120 (बी) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत रविवार को मामला दर्ज किया गया . इसमें कहा गया है कि पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारी इन मामलों का अनुसंधान कर रहे हैं. इस मामले में जमुई जिला के लक्ष्मीपुर थाना अंतर्गत दिग्घी निवासी अमन कुमार, राकेश तिवारी उर्फ प्रयास न्यूज, ट्विटर यूजर युवराज सिंह राजपूत तथा यूट्यूब चैनल सचतक न्यूज के संचालक मनीष कश्यप के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए पुलिस ने अमन कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. 

पुलिस ने अमन के पास से कई आपत्तिजनक पोस्ट एवं मोबाइल में साक्ष्य पाया है जिसकी अग्रतर जांच की जा रही है. जांच एवं अनुसंधान के क्रम में पाया गया कि प्रसारित किया गया एक वीडियो किसी की हत्या कर लटका दिये जाने का है. सत्यापन तथा जांच से ज्ञात हुआ कि यह किसी के आत्महत्या की पुरानी घटना है, जो बिहार के रहने वाले किसी व्यक्ति से संबंधित नहीं है. इसी प्रकार प्रसारित किया गया दूसरा वीडियो भी पुरानी घटना से संबंधित है. यह वीडियो झारखण्ड के एक व्यक्ति तथा बिहार के एक व्यक्ति के बीच व्यक्तिगत विवाद को लेकर है. इस घटना का भी तमिलनाडु के किसी व्यक्ति से कोई सरोकार नहीं पाया गया है. 

पुलिस ने जारी की चेतावनी

 बिहार पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि किसी भी भ्रामक, असत्य एवं झूठे वीडियो पर विश्वास नहीं करें तथा इनको फॉरवर्ड या शेयर भी नहीं किया जाये. ऐसे वीडियो बनाने या उनका प्रचार-प्रसार करने से लोगों की भावनायें भड़क सकती हैं तथा आपसी वैमनस्य एवं उन्माद उत्पन्न हो सकता है, जो कि कानूनन अपराध है.

(इनपुट भाषा के साथ)

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