गठबंधन की राजनीति करनी है या फिर अकेले चुनाव लड़ना है, कांग्रेस तय करे, पार्टी के अंदर से उठी आवाज
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गठबंधन की राजनीति करनी है या फिर अकेले चुनाव लड़ना है, कांग्रेस तय करे, पार्टी के अंदर से उठी आवाज

Congress News: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस निश्चित रूप से एक निर्णायक मोड़ पर आ खड़ी हुई है. अब कांग्रेस का एक सही फैसला उसे मुकाम तक ले जा सकता है और एक गलत फैसला उसे और पतनोन्मुख बना देगा. सोचना और तय करना कांग्रेस का काम है.

गठबंधन की राजनीति करनी है या फिर अकेले चुनाव लड़ना है, कांग्रेस तय करे, पार्टी के अंदर से उठी आवाज

Congress News: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Election 2025) में लगातार तीसरी बार 0 पर आउट होने के बाद कांग्रेसी भले ही इस बात को लेकर खुश हो रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सत्ता चली गई, लेकिन पार्टी के भीतर आत्ममंथन की भी आवाज उठ रही है. कई नेताओं ने राय जताई है कि आखिर कब तक हम दूसरों की जीत में जीत और दूसरों की हार में भी अपनी जीत पर खुश होते रहेंगे. बिहार के कटिहार के सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर (Tariq Anwar) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर अपना रिएक्शन देते हुए कहा, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि वह गठबंधन की राजनीति करना चाहती है या फिर अकेले चलना चाहती है. 

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखे एक पोस्ट में तारिक अनवर ने कहा, कांग्रेस को अपनी रणनीति स्पष्ट करने की जरूरत है. उसे तय करना होगा कि वह गठबंधन की राजनीति करेगी या अकेले चलेगी. उन्होंने पार्टी के संगठन में बुनियादी बदलाव की जरूरत पर भी बल दिया. बता दें कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन को एक बार फिर से रिपीट किया है. कांग्रेस के लिए खुश होने का बस एक बहाना है कि वह अपना वोट प्रतिशत 2 प्रतिशत बढ़ा पाने में सफल साबित हुई है.

तारिक अनवर के एक्स पोस्ट के जवाब में कांग्रेस की विधायक प्रतिमा कुमारी का कहना है, तारिक अनवर जी का लंबा अनुभव है. उन्होंने जो भी बात कही है, वह सही है. प्रतिमा कुमारी ने कहा, गठबंधन की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि जहां से पार्टी के प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ते, वहां संगठन एक तरह से खत्म हो जाता है. कुछ नेताओं को टिकट मिल जाता है और उनमें से कुछ जीत पाते हैं और बाकी हार जाते हैं. इस तरह कुछ नेता तो पार्टी को मिल जाते हैं पर कार्यकर्ता नहीं बन पाते. 

प्रतिमा कुमारी ने कहा, कार्यकर्ताओं को खड़ा किए बिना लीडरशिप डेवलप नहीं हो सकती. सभी विधायक और सांसद जनता तक अपनी पहुंच बना पाएं, यह संभव नहीं है. यह काम कार्यकर्ताओं की बदौलत ही संभव हो सकता है. प्रतिमा कुमारी ने यह भी कहा, पूरे देश में कांग्रेस हर जगह क्षेत्रीय दलों से समझौते कर रही है. इस कारण कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं से दूर होती जा रही है. यही सही समय है, सही फैसला लेने का. अभी ठोस फैसला लेने से आगे के चुनाव में सकारात्मक असर होगा. 

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प्रतिमा कुमारी ने कहा, आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बिहार में अकेले लड़ना चाहिए. राहुल गांधी ने जिस तरह से पदयात्रा किया, इसका फायदा कांग्रेस के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. बिहार में कई मुद्दे हैं और कांग्रेस अकेले लड़ेगी, अपनी नीति और सिद्धांत से लोगों को अवगत कराएगी तो हमारे साथ बिहार की जनता होगी और अधिक से अधिक सीटें हम जीत सकते हैं. प्रतिमा कुमारी ने बहुत मजबूती से बिहार की सभी 243 सीटों पर कांग्रेस को चुनाव लड़ने की सलाह दी. उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव बाद समान विचारधारा वाले सभी दल मिलकर सरकार बनाएंगे. इसलिए कांग्रेस को अकेले लड़ना चाहिए.

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