Delhi Election Result: हर राज्य के अपने सियासी शगुन-अपशगुन होते हैं. दिल्ली में नई दिल्ली विधानसभा सीट के अलावा नतीजों का एक और कनेक्शन एमसीडी चुनाव से जोड़ कर बिचारा जाता है. कहा जाता है कि एमसीडी में जिस दल की सरकार होती है, वो विधानसभा चुनाव हार जाती है. खैर ज़ी न्यूज़ ऐसे किसी अंधविश्वास की पुष्टि या समर्थन नहीं करता है.
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Delhi Chunav results 2025: दिल्ली विधानसभा चुनावों में भी शगुन अपशगुन बिचारे जाते हैं. विधायक प्रत्याशी शुभ मुहूर्त देखकर नामांकन करते हैं यानी शुभ घड़ी में पर्चा भरते हैं. इसी तरह यहां पर एक परंपरा रही है कि यहां जिस किसी भी राजनीतिक दल ने नई दिल्ली सीट पर चुनाव जीता है, उसकी बल्ले हुई है. उस दल की सरकार बनी है. इसी तरह से एक और सियासी अपशगुन की बात करें तो दिल्ली में जिस दल की एमसीडी में सरकार होती है, वो विधानसभा चुनाव हार जाती है. बीते कई चुनावों से ये दोनों टोटके चलते आ रहे हैं.
नई दिल्ली कनेक्शन!
अरविंद केजरीवाल ने इससे पहले नई दिल्ली से तत्तकालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया था, तब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी. यही वजह है कि इस बार के चुनाव में भी इस वीवीआईपी सीट पर ही सबकी नजरें टिकी हुई थीं. 2025 में प्रवेश वर्मा ने कड़ी टक्कर देते हुए अरविंद केजरीवाल को यहां से मात दी है और बीजेपी सरकार बनाती हुई दिख रही है. यानी इस सीट में जीत वाला कनेक्शन एक बार फिर सच साबित हुआ है.
एमसीडी कनेक्शन!
नतीजों का दूसरा कनेक्शन दिल्ली में एमसीडी चुनाव भी माना जाता है. एमसीडी में जिस भी पार्टी की सरकार होती है, वो विधानसभा चुनाव में निपट जाती है. पिछले तमाम चुनावों में एमसीडी में बीजेपी काबिज थी, बीजेपी, एमसीडी में तो सत्ता में आती थी, तब सरकार कांग्रेस की बनती थी. ठीक यही अपशगुन आम आदमी पार्टी के साथ भी हुआ, जब AAP ने एमसीडी में जीत का परचम लहराया तो उसे विधानसभा चुनाव में हार मिली है. यानी ये वाला ट्रेंड भी दिल्ली में इस बार भी टूटा नहीं है.
डिस्क्लेमर: ज़ी न्यूज़ ऐसे किसी सियासी सगुन या अपशगुन अर्थात अंधविश्वास की पुष्टि या किसी भी तरह से समर्थन नहीं करता है.