Kashi Vishwanath Temple: वाराणसी के लिए कैसे वरदान बन गया काशी विश्वनाथ मंदिर? हरेक नगरवासी की भर रहा झोली
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Kashi Vishwanath Temple: वाराणसी के लिए कैसे वरदान बन गया काशी विश्वनाथ मंदिर? हरेक नगरवासी की भर रहा झोली

Kashi Vishwanath Temple: वाराणसी का श्री काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Temple) शहरवासियों के लिए वरदान साबित हुआ है. इस साल लोकार्पण के बाद मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं और दान की मात्रा में कई गुणा बढ़ोतरी हो चुकी है. 

Kashi Vishwanath Temple: वाराणसी के लिए कैसे वरदान बन गया काशी विश्वनाथ मंदिर? हरेक नगरवासी की भर रहा झोली

Kashi Vishwanath Temple: यूपी के वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Temple) का लोकार्पण होने के बाद देश और दुनिया के शिव भक्तों की संख्या काशी में लगातार बढ़ती ही जा रही है. इसके चलते काशी विश्वनाथ धाम की आय में रिकॉर्ड वृद्धि होती जा रही है. पिछले साल अप्रैल- मई की बात करें तो भोले बाबा की आय लाखों में थी. वहीं इस साल अप्रैल और मई यह आय करोड़ों में पहुंच गई है.

श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Temple) के नव्य और भव्य स्वरूप में आने के बाद काशी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आमद में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है. शहर में श्रद्धालुओ की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. जिससे आस पास के व्यापारी भी लाभान्वित हो रहे हैं. श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से बाबा की तिजोरी में भी धनवर्षा हो रही है. रोजाना लाखों रुपये की आय हो रही है.

दान की मात्रा कई गुणा बढ़ गई

धर्म की नगरी काशी में आने के बाद शिव भक्त खुल कर चढ़ावा व दान कर रहे है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ी है. इससे बाबा के चढ़ावे में भी वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि अप्रैल 2021 में 71 लाख रुपये का चढ़ावा आया था जबकि 2022 के अप्रैल महीने में 5 करोड़ 45 लाख दान आया है. मई 2021 में 21 लाख की आमदानी हुई थी ,जबकि मई 2022 में 3 करोड़ 24 लाख का चढ़ावा प्राप्त हुआ है.

शहर के कारोबारियों की भी भर रहा झोली

खर्चो की बात करे तो पिछले साल अप्रैल में 38 लाख और मई में 76 लाख रुपये का खर्च हुआ था. जबकि इस साल अप्रैल में 31 लाख और मई में 1 करोड़ 25 लाख रुपये का खर्च हुआ है. इनमें वेतन, सामान व अन्य आकस्मिक खर्चे शामिल हैं. काशी विश्वनाथ धाम के अलावा धर्म की नगरी वाराणसी के गंगा घाटों पर भी अपार भीड़ उमड़ने लगी है. जो कोई भी काशी आता है, गंगा स्नान के बाद ही बाबा विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Temple) के दर्शन के लिए जाता है. इस तरह गंगा घाट के किनारे रहने वाले पुरोहित, माला फूल सहित तमाम छोटे छोटे व्यापारियों की आमदनी भी बढ़ने लगी है.

नगरवासियों के लिए वरदान बना विश्वनाथ कॉरिडोर

इस प्रकार कहा जा सकता है कि काशी के लिए विश्वनाथ कॉरिडोर एक वरदान साबित हुआ है, जिसकी वजह से बाबा की आय लाखों से करोड़ों में तो हुई है. वहीं बाबा के भक्त व्यापारियों और अन्य दुकानदारों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है.

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