CG में राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का हुआ समापन, पारंपरिक गीतों पर झूमें लोग
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CG में राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का हुआ समापन, पारंपरिक गीतों पर झूमें लोग

Chhattisgarh News: बीते तीन दिन से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur youth festival) में चल रहे राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का समापन पांरपरिक और लोग गीतों के साथ हुआ. इस दौरान कई जिलों की टीमों ने गीतों की प्रस्तुति दी.

CG में राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का हुआ समापन, पारंपरिक गीतों पर झूमें लोग

Chhattisgarh youth festival: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur) में राज्य स्तरीय युवा महोत्सव (state leval youth festvial end)का समापन साइंस कॉलेज मैदान में हुआ. इस दौरान युवाओं में जबरदस्त जोश और उत्साह देखने को मिला. प्रतियोगिता में आधुनिकता और पारंपरिकता (modern and traditional) की अनूठी जुगलबंदी दिखाई दी. समापन के दौरान बैंड में जहां देशभक्ति गीत, जसगीत और भगवत गीता के श्लोक सुनाई दिए, वहीं फिल्मी गीत ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. इस दौरान 15 से 40 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों ने अपनी कला और कौशल का प्रदर्शन किया.

51 पारंपरिक वाद्य यंत्रो की प्रस्तुति
धमतरी जिले ने 51 पारंपरिक वाद्य यंत्रों का वादन कर रॉक बैंड की सुमधुर प्रस्तुति दी. छत्तीसगढ़ के लोक पारंपरिक वाद्ययंत्रों को आधुनिकता के रंग में पिरोकर कलाकारों ने प्रस्तुत किया. इस दौरान उन्होंने तबला, हारमोनियम के साथ नाल, ढफड़ा, निशान, मोहरी, बांसुरी, शहनाई, घुंघरू, मृदंग, छरछरा, बासकांगो, बांसशंख, लम्बाड़ा, बांस चिकारा, ढफली, बांस कुहका, नगाड़ा, तुर्रा, डमरू, काष्ठ घुंघरू, चुटका, खरताला, परपड़ी, बांस चुटका, ब्रम्हदण्ड, खिरकिरी, बास तरंग, शिकारी बास, अलगोजा, झालर जैसे 51 वाद्ययंत्रों का वादन कर करके समा बांध दिया.

अन्य जिलों की प्रस्तुति 
धमतरी जिले के बाद कोण्डागांव, महासमुंद और सरगुजा जिले ने अपनी प्रस्तुतियां दी. कोण्डागांव जिले के रॉक बैंड ने छत्तीसगढ़ी गीतों में बच्चे, युवा और बुजुर्ग हर वर्ग को झूमने को मजबूर कर दिया. उन्होंने भगवत गीता के श्लोक ‘यदा यदा ही धर्मस्य' गाकर जहां दर्शकों का मन मोह लिया. वहीं सक्ती जिले द्वारा गिटार और बांसुरी वाद्य यंत्रों के सुदंर मेल के साथ प्रस्तुति दी गई.

युवाओं में दिखा उत्साह
राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में भाग लेने आए युवा भी बड़ी संख्या में रॅाक बैंड की प्रस्तुति देखने पहुंचे. बैंड के सुर-ताल में युवाओं के पैर रूकने का नाम नहीं ले रहे थे. दुर्ग जिले से फुगड़ी खेलने आई दुलेश्वरी भी पैरों में छालों के बावजूद पूरे जोश और उत्साह में दिखी और जमकर थिरकी. इसके अलावा महासमुंद जिले के बैंड के युवा परफार्मर जावेद कुरैशी ने कहा कि बैंड परफार्मेंस में आधुनिकता के साथ प्राचीनता का मेल किया गया है, ताकि युवा अपनी संस्कृति से जुड़े रहें और उसे जानें इससे अपनी पुरानी कला को संजोने में भी काफी ज्यादा मदद मिलेगी.

ये रहे विजेता 
15 से 40 आयु वर्ग में बस्तर संभाग के कोण्डागांव जिले ने प्रथम स्थान, रायपुर संभाग के धमतरी जिले ने दूसरा और सरगुजा संभाग के कोरिया जिले ने तीसरा स्थान प्राप्त किया. इसी तरह 40 से अधिक आयु वर्ग में बिलासपुर संभाग से नवगठित सक्ती जिला प्रथम रहा और रायपुर संभाग के धमतरी जिले ने दूसरा स्थान प्राप्त किया.

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