हिंदू-मुस्लिम परिवारों में बदले नवजात, DNA टेस्ट ने असली माता-पिता से मिलवाए बच्चे
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हिंदू-मुस्लिम परिवारों में बदले नवजात, DNA टेस्ट ने असली माता-पिता से मिलवाए बच्चे

Chhattisgarh News: दुर्ग जिला अस्पताल में बच्चा अदला-बदली का मामला पिछले आठ दिनों से सुर्खियों में था. कुरैशी और सिंह परिवारों ने अस्पताल प्रशासन पर यह आरोप लगाया था कि उनके नवजात शिशुओं की अदला-बदली कर दी गई. इस घटना के बाद से दोनों परिवारों में तनाव बना हुआ था. 

हिंदू-मुस्लिम परिवारों में बदले नवजात, DNA टेस्ट ने असली माता-पिता से मिलवाए बच्चे

CG News: दुर्ग जिला अस्पताल में बच्चा अदला-बदली का मामला पिछले आठ दिनों से सुर्खियों में था. कुरैशी और सिंह परिवारों ने अस्पताल प्रशासन पर यह आरोप लगाया था कि उनके नवजात शिशुओं की अदला-बदली कर दी गई. इस घटना के बाद से दोनों परिवारों में तनाव बना हुआ था. वे अपने असली बच्चों को पाने के लिए जिला प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे थे. तभी डीएनए टेस्ट कराया गया और रिपोर्ट के आधार पर बच्चे जायज माता पिता को सौंप दिए गए.

जिला प्रशासन ने डीएनए परीक्षण का फैसला लिया. डीएनए जांच के लिए दोनों नवजात शिशुओं और उनके संभावित माता-पिता के सैंपल लिए गए. इसके बाद बाल कल्याण समिति के पास डीएनए रिपोर्ट बंद लिफाफे में पहुंची, जिसे दोनों परिवारों की मौजूदगी में खोला गया. डीएनए रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया कि अस्पताल में वास्तव में बच्चों की अदला-बदली हुई थी. 

असली माता-पिता को सौंपे गए बच्चे
रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से दोनों बच्चों को उनके असली माता-पिता को सौंप दिया. इस फैसले के बाद दोनों परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई. उन्होंने जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया. बच्चों के सही माता-पिता को मिलने के बाद दोनों परिवारों ने राहत की सांस ली. सिंह परिवार ने कहा, "हमें हमारे बच्चे से अलग होने का जो दर्द मिला, वह अब खत्म हो गया है. हम प्रशासन के शुक्रगुजार हैं." वहीं, कुरैशी परिवार ने भी डीएनए जांच के फैसले की सराहना की और कहा कि यह सही निर्णय था जिससे सच्चाई सामने आ सकी.

प्रशासन के फैसले से खुश हुए दोनों परिवार
सीडब्ल्यूसी के जज राकेश साहू ने बताया कि डीएनए टेस्ट के परिणाम आने के बाद बच्चों को सही माता-पिता को सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता परिवारों को उनके असली बच्चे सौंपना था. यह सुनिश्चित किया गया कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ हो तभी पूरे मामले की वीडीयो ग्राफी भी कराई गई. वहीं दोनों के डीएनए की रिपोर्ट को बन्द लिफाफे में सीडब्ल्यूसी जज के समक्ष और दोनों परिजनों के सामने जिला प्रशासन के अधिकारियों ने लिफाफा खोला और पढ़कर सुनाया, जिसके बाद दोनों ही पक्षो में खुशी की लहर दौड़ गई.

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