Teen Mukhi Rudraksha: सावन में धारण करें तीन मुखी रुद्राक्ष, पहनते ही होने लगता है चमत्कार!
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Teen Mukhi Rudraksha: सावन में धारण करें तीन मुखी रुद्राक्ष, पहनते ही होने लगता है चमत्कार!

Tin mukhi Rudraksha: सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना सबसे अच्छा होता है. 

Teen Mukhi Rudraksha: सावन में धारण करें तीन मुखी रुद्राक्ष, पहनते ही होने लगता है चमत्कार!

Tin mukhi Rudraksha: सावन का सबसे पवित्र महीना चल रहा है. ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक अगर सावन मास के किसी भी सोमवार को अगर तीन मुखी रुद्राक्ष (Rudraksha) को विधिवत पूजा करने के बाद धारण किया जाए तो इसका चमत्कार जल्द ही दिखाई देने लगता हैं. क्योंकि तीन मुखी रुद्राक्ष को साक्षात ब्रह्मा, विष्णु, और शिव का स्वरुप माना जाता है. इसलिए सावन मास में तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने पर त्रिदेवों को कृपा बरसती है. चलिए जानते हैं, इसे धारण करने की विधि और इससे क्या लाभ मिलेंगे.

ऐसा कहा जाता है कि तीन मुखी रूद्राक्ष में त्रिदेवों की दिव्य शक्तियों का वास होता है. तीन मुखी रुद्राश में अग्नि तत्व की प्रधानता होती है, अग्नि तत्व में पंच तत्वों में भी प्रमुख तत्व माना जाता है. 

सावन में तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ

1. सावन महीने में तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पेट की बिमारियां दूर होती है, रुद्राक्ष में अग्नि तत्व होने पर ये काफी लाभ पहुंचाता है.
2. तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने पर चेहरे पर तेज और दिव्य शक्ति की प्राप्ति होती है.
3. वहीं सावन के महीने में तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति उर्जावान रहता है.
4. सावन महीने में तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मंगल और सूर्य दोषों का नाश होता है. 
5. सावन मास में तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से समाज में मान-सम्मान व जीवन में सफलता मिलती है.

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ऐसे धारण करें तीन मुखी रुद्राक्ष
- सबसे जरूरी ये ध्यान रखे की तीन मुखी रुद्राक्ष को सावन मास के सोमवार, अमावस्या या पू्र्णिमा के तिथि के दिन धारण करें.
- सबसे पहले रुद्राक्ष को शुद्ध जल से स्नान कराये
- पंचामृत के मिश्रण के बाद गंगाजल से रुद्राक्ष का अभिषेक कराए.
- घर या पूजा स्थल पर शिव मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाकर बैठे
- तीन मुखी रूद्राक्ष को पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर अपने सामने रखे
- तीनों देवों से संकल्प लें.
-पूजा करने के बाद ॐ क्लीम नमः का जाप करें
- फिर ॐ नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए धारण कर लें.

(Disclamer: यहां दी गई समस्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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