Mehbooba Mufti News: जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने सीएम उमर अब्दुल्ला पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक के दौरान सोपोर और कठुआ में दो युवकों की मौत का मुद्दा उठाना चाहिए था.
Trending Photos
Jammu And Kashmir News: पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ( Mehbooba Mufti ) ने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में नागरिकों की हत्याओं और कथित पुलिस अत्याचार के मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की चुप्पी पर चिंता जताई है. पत्रकारों से बात करते हुए मुफ्ती ने सवाल किया कि 50 विधायकों और सांसदों के साथ काफी राजनीतिक ताकत रखने वाले उमर अब्दुल्ला ने इन ज्वलंत मुद्दों पर ज्यादा मुखर रुख क्यों नहीं अपनाया.
मुफ्ती ने हाल ही में सामने आई दो चौंकाने वाली घटनाओं की तरफ इशारा किया. उन्होंने सोपोर में सेना द्वारा एक ट्रक चालक की कथित हत्या और कठुआ में एक युवक की दुखद आत्महत्या, जो कथित तौर पर पुलिस उत्पीड़न से हताश हो गया था. पू्र्व सीएम ने गृह मंत्री के साथ इन मामलों को संबोधित करने में विफल रहने के लिए सीएम उमर अब्दुल्ला ( Omar Abdullah ) की आलोचना की, और क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन और सुरक्षा ज्यादतियों के संबंध में अधिक जवाबदेही की मांग की.
पीडीपी नेता ने जताया दुख
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की तुलना में विधानसभा में अपनी पार्टी के सीमित प्रतिनिधित्व पर अफसोस जताया, लेकिन जोर देकर कहा कि सभी राजनीतिक नेताओं के लिए अन्याय के खिलाफ खड़ा होना महत्वपूर्ण है.
'चुनिंदा कार्रवाई' के पैटर्न का हिस्सा: महबूबा मुफ्ती
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, 'हम विपक्षी दल हैं, उग्रवादी नहीं. अन्याय के समय लोगों के साथ खड़े होना हमारा कर्तव्य है.' अपनी टिप्पणी में, मुफ़्ती ने प्रशासन की उन कार्रवाइयों की भी निंदा की, जिसके कारण उन्हें और उनकी पार्टी के सदस्यों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने से रोका गया है. उन्होंने अपनी बेटी इल्तिजा मुफ़्ती को सौंपे गए निजी सुरक्षा अधिकारियों को अनुचित तरीके से निलंबित करने का आरोप लगाया.
उन्होंने इसे सरकार द्वारा 'चुनिंदा कार्रवाई' के व्यापक पैटर्न का हिस्सा बताया. मुफ़्ती ने अपने संबोधन का समापन इस बात पर ज़ोर देकर किया कि जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करना तब तक निरर्थक होगा जब तक कि जीवन के मौलिक अधिकार की रक्षा नहीं की जाती.