Thackeray Reunion: राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों इस समय भले ही राजनीतिक तौर पर उतने शक्तिशाली नहीं हैं लेकिन दोनों को मराठी राजनीति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. क्या दोनों पार्टियां राजनीतिक मंच पर साथ एक आएंगी, ये बड़ा सवाल है. लेकिन इस बार की मुलाकात के चर्चे कुछ अलग हैं.
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Raj Thackeray Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार हमेशा चर्चा का केंद्र रहा है. शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के समय से ही राज ठाकरे और उद्धव ताकते कोई लेकर खबरें देशभर में चर्चा में रही हैं. इसी बीच रविवार को ठाकरे परिवार एक शादी के कार्यक्रम में एकत्र हुआ, जहां शिवसेना UBT प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना MNS प्रमुख राज ठाकरे ने कई सालों के बाद बातचीत की. सामना की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह मुलाकात दादर के राजा शिवाजी विद्यालय में राज ठाकरे की बहन जयवंती ठाकरे-देशपांडे के बेटे यश देशपांडे की शादी के दौरान हुई.
बातचीत के दौरान हंसी-मजाक
असल में जानकारी के मुताबिक पारिवारिक कार्यक्रम में राज और उद्धव ने शादियों के दौरान हंसी-मजाक भी किया. एक वायरल तस्वीर में दिख रहा है कि उद्धव ने राज के कान में कुछ कहा, जिससे राज जोर से हंस पड़े. दोनों भाइयों ने वधू और वर को साथ खड़े होकर आशीर्वाद भी दिया. हालांकि, दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के विषय में कोई जानकारी नहीं मिली है, लेकिन महाराष्ट्र के सियासी मिजाज को देखते हुए इस पर चर्चा जरूर होने लगी.
राजनीतिक मतभेदों के बीच मुलाकात..
यह बात सही है 2006 में शिवसेना से अलग होकर राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) की स्थापना की थी. इसके बाद दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक मतभेद बढ़ते गए और उन्होंने एक-दूसरे पर कई बार तीखे हमले भी किए. लेकिन पारिवारिक आयोजनों में उनकी मुलाकात होती रही हैं. अब इस तस्वीर ने नई चर्चा को जन्म दिया है.
फैमिली और राजनीति का कॉकटेल
फिलहाल इस शादी समारोह में ठाकरे परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे, जिनमें रश्मि ठाकरे, आदित्य ठाकरे, और राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे भी शामिल थे. इससे पहले 15 दिसंबर को राज ठाकरे ने रश्मि ठाकरे के भतीजे शौनक पाटणकर की शादी में भी शिरकत की थी. तब भी उनके इस कदम को पारिवारिक संबंध सुधारने के प्रयास के रूप में देखा गया था.
राजनीतिक गठबंधन की संभावना है क्या?
इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा को और तेज कर दिया है. शिवसेना (UBT) और MNS दोनों ही हाल ही के चुनावों में कमजोर प्रदर्शन कर चुके हैं. राजनीतिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि दोनों पार्टियां एक-दूसरे के वोट बैंक में सेंध लगाती रही हैं, जिससे दोनों को नुकसान हुआ है. आगामी मुंबई महानगरपालिका चुनावों के मद्देनजर यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों पार्टियां मराठी वोटों को मजबूत करने के लिए गठबंधन कर सकती हैं. लेकिन यह सिर्फ कयास ही है.