चित्तौड़गढ़: ईश्वरीय विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया जन्माष्टमी का पर्व
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चित्तौड़गढ़: ईश्वरीय विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया जन्माष्टमी का पर्व

ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया. जहां मनमोहक झांकियां और नृत्य प्रस्तुत किया गया. 

चित्तौड़गढ़: ईश्वरीय विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया जन्माष्टमी का पर्व

Chittorgarh: आशा दीदी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय राजयोग भवन प्रताप नगर में जन्माष्टमी के पर्व पर विभिन्न छोटे से बड़े रूप में श्री कृष्ण की चैतन्य झांकी सजाई गई.

सुंदर भजनों की दी प्रस्तुति
जहां बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर सियाराम मीणा ने श्री कृष्ण बालगोपाल का झूला झुलाया. इस अवसर पर रिटायर बैंक मैनेजर बालकिशन भाई ने सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता पर भजन प्रस्तुत किया. इसी के साथ भानु बहन ज्ञानवती, माता ट्विंकल, बहन अनीता वर्मा, गीता कुमावत, लता कुमावत, राजू बहन सहित सभी ने सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी.
वहीं राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि यह सत्य है की अन्य दिन व्यक्तियों की जयंती मनाई जाती है. वह 16 कला संपूर्ण नहीं थे, केवल श्रीकृष्ण ही 16 कला संपूर्ण देव हुए हैं. श्रीकृष्णा 33 करोड़ देवताओं में गिनती होती है.

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श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व का किया वर्णन
साथ ही श्रीकृष्ण के बारे में वर्णन करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व इतना महान और आकर्षक था कि ईश्वरी ज्ञान द्वारा नर को नारायण और नारी को श्री लक्ष्मी पद की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि लोग जन्माष्टमी का उत्सव मनाते हैं तो उन्हें इस ओर ध्यान देना चाहिए कि श्री कृष्ण ने गीता ज्ञान तथा राजयोग के अभ्यास से  श्रेष्ठ पद प्राप्त किया था.
श्री कृष्ण के जीवन से  लें प्रेरणा
आज लोग श्री कृष्ण का पूजन तो करते हैं. उनकी महिमा और महानता का बखान करते हैं, लेकिन सर्वोत्तम पुरुषार्थ से उन्होंने महानता प्राप्त की थी और पदमा तुले जीवन बनाया था. उस पुरुषों पर और ज्ञान योग रूपी साधन पर ध्यान नहीं देते वे यह नहीं सोचते कि श्रीकृष्ण हमारे माननीय पूर्वक थे.
हमारा कर्तव्य है कि हम उनके उच्च जीवन से प्रेरणा लेकर अपना जीवन भी वैसा उच्च बनाने का पुरुषार्थ करें.इसके बाद सभी ने मटकी तोड़ी और प्रसाद बांटा गया साथ ही श्री राधेकृष्ण ने नृत्य प्रस्तुत किया गया.
Reporter: Deepak Vyash

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