अंतिम संस्कार के दौरान स्कूल संचालित था. एक ओर जहां स्कूल का स्टाफ स्कूल में मौजूद था तो वही बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. इस घटनाक्रम को देखकर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे डर के चलते भयभीत हो गए.
Trending Photos
Mahwa: स्कूल को शिक्षा का मंदिर माना जाता है और उस मंदिर परिसर में बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं, जिनको गुरु तराशने का काम करते हैं लेकिन अगर शिक्षा के मंदिर परिसर में अंतिम संस्कार कर दिया जाए तो आप क्या कहेंगे? एक बार तो आप सुनकर इस पर भरोसा नहीं करेंगे लेकिन यह सत्य है.
गांव के लोगों ने स्कूल परिसर को ही श्मशान घाट बना दिया, जहां गांव की एक बुजुर्ग महिला की मौत होने पर स्कूल परिसर में अंतिम संस्कार कर दिया गया. स्कूल परिसर में अंतिम संस्कार होते देख स्कूल के बच्चे भयभीत हो गए तो वहीं शिक्षक भी डर के चलते सहम गए. घटना है दौसा जिले के मंडावर थाना क्षेत्र के कोट गांव की, जहां की सरकारी स्कूल परिसर में अंतिम संस्कार किया गया.
यह भी पढे़ं- जानिए सचिन पायलट क्यों मिली खास सलाह कि 'आस्तीन के सांप से दूर रहें तो ही अच्छा है'
दरअसल कुछ साल पहले गांव के ही सेठ गिरधारी लाल बोहरा ने अपने खर्चे से स्कूल का भवन बनाकर शिक्षा विभाग को समर्पित किया था, जिसके चलते शिक्षा विभाग ने स्कूल का नामकरण गिरधारी लाल बोहरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर दिया था तब से ही इस भवन में स्कूल संचालित थी. यहां गांव के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे. सोमवार को सेठ गिरधारी लाल बोहरा की पत्नी का आकस्मिक निधन हो गया. उसके बाद मृतका के परिजन और ग्रामीण शव को लेकर स्कूल परिसर पहुंचे और वहां अंतिम संस्कार कर दिया गया. भीड़ देखकर स्कूल का स्टाफ भी चुप रहा और उच्च अधिकारियों तक इसकी सूचना पहुंचाई गई लेकिन जब तक कोई एक्शन होता तब तक अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो गई और अंतिम संस्कार करने के बाद लोग वहां से चले गए.
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट तलब
मजे की बात यह है अंतिम संस्कार के दौरान स्कूल संचालित था. एक ओर जहां स्कूल का स्टाफ स्कूल में मौजूद था तो वही बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. इस घटनाक्रम को देखकर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे डर के चलते भयभीत हो गए. घटनाक्रम को लेकर जब दौसा जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम मीणा से बात की गई तो उनका कहना था कि इस पूरे घटनाक्रम की मैं निंदा करता हूं. साथ ही स्कूल प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है तो वहीं महवा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की गई है.
क्या बोले जिला शिक्षा अधिकारी
जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम मीणा ने कहा गिरधारी लाल बोहरा ने स्कूल का भवन बनाकर शिक्षा विभाग को समर्पित किया था तो शिक्षा विभाग ने उनके नाम से स्कूल का नामकरण कर दिया था और उनका आभार व्यक्त किया था लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी के शव का स्कूल परिसर में लाकर अंतिम संस्कार करना निंदनीय है. स्कूल शिक्षा का मंदिर है और शिक्षा के मंदिर को उन्होंने श्मशान घाट बना दिया जो नहीं होना चाहिए. अब इसके लिए विभाग के लीगल एडवाइजर से कानूनी कार्यवाही के लिए सलाह ली जा रही है. फिलहाल स्कूल परिसर में अंतिम संस्कार करने के प्रकरण की चर्चा पूरे जिले में सबको अचंभित कर रही है.
Reporter- LAXMI AVATAR SHARMA
यह भी पढे़ं- Photos: महरीन काजी ने शेयर की ऐसी तस्वीरें, फैंस बोले- अतहर साहब की किस्मत खुल गई
अपने जिले की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.