Jaipur News: विधानसभा में सोमवार को कोयला घोटाले की जांच की मांग पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर घिर गए. कांग्रेस विधायक मामले की जांच करने की मांग का नागर कोई जवाब नहीं दे पाए से सदन में शोरगुल और हंगामा की स्थिति बनी. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के अगला प्रश्न पुकारने के कारण मामला शांत हो पाया.
इस दौरान कितना घाटा हुआ.
मंत्री नागर ने कहा, 2013 से उत्पादन निरंतर हो रहा था . 2022 में इसकी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई , लेकिन वर्ष 2023_24 में उपलब्ध नहीं हो पाई.
कोल इंडिया से हमें 40% अधिक कीमत पर कोयला लेना पड़ा इससे घाटा हुआ. हीरालाल नागर ने आरोप लगाया कि आपके समय हुए घोटाले से यह स्थिति बनी है. आप चर्चा करा कर देख लें घाटा हुआ है.
रामकेश मीणा ने कहा कि 2003 में तो हमारी नहीं वसुंधरा सरकार थी. वसुंधरा सरकार ने अदानी को ही कोल ब्लॉक दिया था, रामकेश मीणा ने जीसीबी से कोयला आया उसकी जांच करने की मांग की. मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि जीसीबी की जांच निरंतर लगातार हो रही है जांच में कोयले की घटिया क्वालिटी मिलने पर पेमेंट कम होता है.
इस बीच नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार जांच करने का आश्वासन क्यों नहीं दे रही है? कोयला घोटाले की जांच को लेकर मांग को लेकर जवाब क्यों नहीं दिया जा रहा है. हालांकि मंत्री नागर ने कहा कि जिस मामले की जांच की बात करें वो करवाने के लिए तैयार है. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य खड़े होकर जोर जोर से बोलने लगे. सदन हो हल्ला बढ़ता देख कर विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने अगला सवाल पुकार लिया.