Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित की गई. सदन में निलंबित सदस्य गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि अध्यक्ष जी अपने बड़ा दिल दिखाया आपका धन्यवाद और आभार.
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Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित की गई. वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक सदन से बाहर गए. इधर निलंबित विधायकों की जाने के बाद आसान से स्पीकर वासुदेव देवनानी ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का नाम पुकारा.
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने संबोधन कहा कि सदन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर गतिरोध पैदा हुआ. अटल बिहारी वाजपेई ने इंदिरा जी को दुर्गा का अवतार बताया था. यहां संसदीय व्यवस्था की बात आई तो हमने भी मान-सम्मान के साथ कहा कि भैरों सिंह जी ने संसदीय कार्य व्यवस्था को अपनाया. कई बार ऐसी चीज आ जाती है कि गतिरोध बना जाता है. अध्यक्ष आगे की व्यवस्था की सदन सुचारू रूप से चल सकें.
कांग्रेस के राजेंद्र पारीक ने कहा इस प्रकार कई बार गतिरोध देखा है. गतिरोध को समाप्त करने के लिए संवाद जरूरी है. सबकी अलग-अलग भूमिका है, सत्ता पक्ष और विपक्ष की अलग-अलग भूमिका है. आप भी जनता के हितों की बात कर रहें, हम भी हमारी जनता के हितों की बात कर रहे हैं. सब लाभान्वित हम जो चर्चा कर रहे हैं, उसे पूरी प्रदेश की जनता लाभान्वित हो.
यह हम सब के लिए चिंता का विषय रहा और भविष्य में इस तरह का गतिरोध नहीं हो प्रतिरोध हो तो संवाद बना रहे. नरोत्तम लाल जोशी से अब तक देखे तो आसान हमेशा पितृ पक्ष पर रहता है. विपक्ष को आसान का संरक्षण होगा, तो विपक्ष अपनी बात अच्छी तरह रख पाएगा. आप सर्वोपरि है, सर्वोपरि रहेंगे, सभी सदस्य सम्मान करते हैं. मनसा वाचा कर्मणा से हम सब आपका सम्मान करते हैं, जो भी हुआ उसे अपने मन से निकाले. मन के मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वैचारिक दरिद्रता नहीं हो. मैं आपसे मांग करूंगा कि इस सदन में जो गतिरोध बना है, उसे समाप्त करें.
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि प्रयास करें कि अपने शब्दों से एक-दूसरे को ठेस पहुंचे. गतिरोध के लिए नेता प्रतिपक्ष और बारीक जी ने आपसे प्रार्थना की है कि आप बड़ा दिल दिखाते हुए इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए कोई ना कोई फार्मूला निकाल कर करें. सभी ने प्रयास किया पक्ष और विपक्ष में सहमति जताई को समाप्त करें. हमारी स्वस्थ परंपराओं को कायम रखें और शब्दों से किसी को आहत नहीं करें.
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि सदन में निलंबित सदस्य गोविंद सिंह डोटासरा से कि वह अपनी बात करें. हालांकि निलंबन से पहले सदन में नहीं आ सकते लेकिन अपनी बात कहें. इस पर गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि अध्यक्ष जी अपने बड़ा दिल दिखाया आपका धन्यवाद और आभार. सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के साथ मारता करके बढ़ावा दिल दिखाते हुए गतिरोध को तोड़ने की समाप्त करने की पहल की. इसके लिए पूरा सदन आपको धन्यवाद देना चाहता है.
प्रतिपक्ष सदन के माध्यम से आपकी अनुमति से बात रख सकता है. अध्यक्ष पद पर आसीन हुए कब से अपने प्रतिपक्ष को संरक्षण प्रदान किया है देने में मुझे इस कोई शंका नहीं है. आगे भी आसान से प्रतिपक्ष को संरक्षण मिलता रहेगा.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर जो टिप्पणी हुई उसे पर विपक्ष हटवाना चाहता था, उसे पर गतिरोध उत्पन्न हुआ. आपसे गुहार लगाने के लिए टेबल तक भी गए, दो-तीन दिन तक वार्ता नहीं हुई, जिससे गतिरोध हुआ. हमें हाउस में रहना पड़ा, हाउस में भी अपने संरक्षण प्रदान किया, सारी व्यवस्थाएं की गई.
अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि जिन सदस्यों को निलंबित किया है. वह सदन से बाहर चले जाए. लोकसभा के नियम प्रक्रिया है कि अध्यक्ष आसन के निकट आकर, नियमों का उल्लंघन कर सभा में नारे लगाकर है, बल पूर्वक बाधा उत्पन्न करने की स्थिति में अध्यक्ष द्वारा सभा की सेवा से लगातार पांच बैठकों से सदन की अवधि के लिए जो भी कम हो स्वत निलंबित हो जाएगा.
देवनानी ने कहा कि हम अपनी व्यवस्था से सदन चलाएंगे. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि पहले भी इस तरह का माहौल रहा है, लेकिन गतिरोध खत्म करने के लिए जो बात हुई है उसका पालन किया जाना चाहिए लेकिन विधानसभा अध्यक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मैं बहुत मौका दिया अब और नहीं.