Hanuman Mandir: राजस्थान का वो संगमरमर का हनुमान मंदिर, जिसकी नहीं बन सकी छत, ये है वजह
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Hanuman Mandir: राजस्थान का वो संगमरमर का हनुमान मंदिर, जिसकी नहीं बन सकी छत, ये है वजह

Rajasthan Hanuman Mandir: राजस्थान (Rajasthan) में जालोर के कानीवाड़ा में एक बहुत प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है. बताया जाता है कि यह Hanuman Mandir संगमरमर का बना है, लेकिन इस पर कोई छत नहीं है.

 

Hanuman Mandir: राजस्थान का वो संगमरमर का हनुमान मंदिर, जिसकी नहीं बन सकी छत, ये है वजह

Hanuman Mandir: राजस्थान के जालोर (Jalore) जिले के कानीवाड़ा में हनुमान जी (Hanuman Ji) का एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर है. कानीवाड़ा के इस हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) में देशभर से लोग बजरंगबली के दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर में सभी तरह के कस्ट दूर हो जाते हैं. बताया जाता है कि यहां लोग संतान प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं, और पुजारी बजरंगबली की गदा से भक्तों को आशीष देते हैं.

कानीवाड़ा के हनुमान मंदिर पर नहीं है छत

बता दें कि जालोर का ये हनुमान मंदिर संगमरमर से बना है, लेकिन इस मंदिर पर किसी तरह की छत नहीं है. यहां के हनुमान मंदिर पर छत ना होने की कई मान्यताएं बताई जाती हैं. बताया जाता है कि इस प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में बजरंगबली की प्रतिमा की स्थापितना नहीं हुई थी. ऐसा माना जाता है कि यहां पर हनुमानजी की प्रतिमा प्रकट हुई थी. यहां पहले मंदिर नहीं बनवाया गया. पहले बजरंगबली की प्रतिमा प्रकट हुई, इसके बाद मंदिर निर्माण कराया गया. बताया जाता है कि जालोर के इस हनुमान मंदिर में जब कभी छत बनाने का प्रयास किया गया, तभी उसमें अड़चन खड़ी हो जाती है. जब इस मंदिर का निर्माण हुआ, तभी से इसमें छत नहीं है.

10 पीढ़ियों से बजरंगबली की सेवा कर रहे हैं पुजारी

बताया जाता है कि इस हनुमान मंदिर की एक खास बात ये भी है, कि यहां पिछली 10 पीढ़ियों से 4 परिवारों के वंशज ही इस प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं. मंदिर के पुजारी ख़ुद को ऋषि गर्गाचार्य (Gargacharya) की संतान बताते हैं. यहां के पुजारी दलित समाज से आते हैं.

जालोर के हनुमान मंदिर में जलती हैं 13 अखंड ज्योत

जालोर के हनुमान मंदिर में सभी देवी-देवताओं के मंदिर में अखंड ज्योत प्रज्ज्वलित की जाती है. मंदिर परिसर में 13 अखंड ज्योत जलती हैं. इसको लेकर मान्यतां है कि लोगों की मन्नत पूरी होने के बाद वो यहां पर अखंड ज्योत जलाते हैं और मंदिर के पुजारी इसकी देखभाल करते हैं.

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