Sikar News : नर्सिंग कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर अस्पताल में किया अनूठा धरना प्रदर्शन, एसके अस्पताल परिसर में सुंदरकांड पाठ कर सरकार की सद्बुद्धि की भगवान से की कामना, आगामी 18 अगस्त तक मांगे पूरी नहीं होने पर 23 अगस्त को जयपुर में महापड़ाव की चेतावनी
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Sikar News : राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति का सीकर जिला मुख्यालय स्थित एसके अस्पताल में अपनी लंबित मांगों को लेकर आज पांचवें दिन भी अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा. नर्सिंग कर्मियों ने धरने के पांचवें दिन अपनी मांगों को लेकर अनूठे तरीके से राज्य सरकार के सामने विरोध प्रदर्शन किया. संघर्ष समिति के राजेश बाटड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि वेतन भत्तों की विसंगतियां दूर करने, नर्सेज संवर्ग कैडर का पुनर्गठन करने, संविदा नर्सेज का नियमितीकरण एवं प्लेसमेंट एजेंसी से भर्ती पर पूर्ण रुप से रोक लगाने सहित 11 सूत्री मांगे नर्सेज कर्मचारियों की है.
राज्य सरकार से लंबित मांगों को लेकर कई बार गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन राज्य सरकार नर्सिंग कर्मियों की वाजिब मांगों को नहीं मान रही है. जिसके चलते पिछले 18 जुलाई से पूरे राजस्थान में राजस्थान संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है. इसी के तहत सीकर जिला मुख्यालय स्थित एसके अस्पताल परिसर में भी पांचवे दिन नर्सिंग कर्मचारियों की ओर से धरना स्थल पर सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया. कर्मचारियों ने सुंदरकांड पाठ का आयोजन कर अपनी लंबित मांगे के लिए सरकार की सद्बुद्धि की भगवान से कामना की. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा नर्सिंग कर्मियों की मांगें नहीं मानने पर 18 अगस्त तक अनिश्चितकालीन धरना लगातार जारी रहेगा. इसके बाद 23 अगस्त को प्रदेशभर के नर्सिंग कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर जयपुर कूच करेंगे और जयपुर पर महापड़ाव शुरू किया जाएगा.
नर्सिंग कर्मियों ने सरकार को दी चेतावनी
राजस्थान नर्सेज संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति के सदस्यों ने जानकारी देते हुए बताया कि नर्सेज कर्मचारी पिछले 5 दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार उनकी वाजिब मांगों को नहीं मान रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वह नहीं चाहते कि उनके कार्य बहिष्कार या अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते आमजन परेशान हो. लेकिन सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रही है. मुख्यमंत्री व राज्य सरकार अगर समय रहते हैं उनकी मांगों को नहीं मानती है तो मजबूरन उन्हें 23 अगस्त से पूरे प्रदेश भर में कार्य बहिष्कार कर बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा. जिसकी सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.
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