Trending Photos
DNA With Sudhir Chaudhary: आज महात्मा गांधी की आत्मा बहुत दुखी होगी. उसके दो बड़े कारण हैं, पहला- सत्य के खिलाफ अन्याय से लड़ने के लिए उन्होंने जो सत्याग्रह शुरू किया था, उसी सत्याग्रह का आज भ्रष्टाचार के मामलों में पूछताछ से बचने के लिए दुरुपयोग हुआ. दूसरा- सत्याग्रह का दुरुपयोग करने वाला नेता ये काम अपने आपको गांधी का वंशज बता कर ही कर रहा है.
आज राहुल गांधी को ED ने नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ के लिए अपने दफ्तर बुलाया था. लेकिन उन्होंने इसे एक बहुत बड़े राजनीतिक उत्सव में बदल दिया. कांग्रेस पार्टी ने आज अपने तमाम सांसदों, बड़े बड़े नेताओं और मुख्यमंत्रियों को सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ एक जुलूस निकालने के लिए दिल्ली बुलाया था और उनसे कहा था कि जब तक राहुल गांधी से पूछताछ चलेगी, तब तक वो ED के दफ्तर के बाहर धरने पर ही बैठ जाएं. कांग्रेस ने इसे सत्याग्रह का नाम दिया. लेकिन हमें लगता है कि इस तरह के शक्ति प्रदर्शन को सत्याग्रह का नाम देना, इस शब्द का सबसे बड़ा अपमान है. इस खबर से जुड़ा Latest अपडेट ये है कि ED दफ्तर में राहुल गांधी से दूसरे राउंड की पूछताछ अब भी जारी है. पहले राउंड की पूछताछ सुबह साढ़े 11 बजे से दोपहर के ढाई बजे तक चली थी और दूसरे राउंड की पूछताछ दोपहर को 3 बजकर 45 मिनट पर शुरू हुई थी, जो अब तक जारी है. और रात 9 बजे तक दूसरे राउंड में उनसे 5 घंटे 15 मिनट की पूछताछ हो चुकी है.
हालांकि इससे पहले कांग्रेस ने एक बड़े राजनीतिक उत्सव का आयोजन किया आज कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं में गांधी परिवार के प्रति अपनी वफादारी साबित करने की होड़ लगी हुई थी और हर नेता ये साबित करने में लगा हुआ था कि वो राहुल गांधी के लिए सबसे ज्यादा वफादार और ईमानदार है. इसके लिए ये नेता आज सुबह से ही कांग्रेस दफ्तर में इकट्ठा होना शुरू हो गए थे.
आज कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा सांसद, बड़े पदाधिकारी, मुख्यमंत्री और यहां तक कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस दफ्तर में घंटों राहुल गांधी का इंतजार किया. जब राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस दफ्तर पहुंचे तो उनके समर्थन में जिन्दाबाद के नारे लगाए गए. ये देख कर राहुल गांधी बहुत खुश हुए. क्योंकि, Enforcement Directorate यानी ED आए दिन भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपियों से पूछताछ करता है, लेकिन कभी कोई आरोपी इस तरह का शक्ति प्रदर्शन नहीं कर पाता, जैसा आज राहुल गांधी ने किया.
राहुल गांधी ने कांग्रेस दफ्तर से ED के दफ्तर तक एक किलोमीटर का सफर पैदल ही तय किया. इस दौरान प्रियंका गांधी, कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता उनके साथ चल रहे थे. हालांकि इस इलाके में धारा 144 पहले से लगा दी थी, इसलिए कांग्रेस के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया और उन्हें दिल्ली के तुगलक रोड थाने में काफी देर तक बैठा कर रखा गया, जहां प्रियंका गांधी बाद में उनसे मिलने के लिए भी पहुंची.
इसके अलावा इस शक्ति प्रदर्शन में कुछ खास Posters का भी इस्तेमाल हुआ, जिन पर लिखा था, 'ये राहुल गांधी है, झुकेगा नहीं'. ये Posters हाल ही में आई एक फिल्म 'पुष्पा' से प्रभावित लगता है, जिसमें 'पुष्पा' नाम का किरदार ये कहता है कि वो झुकेगा नहीं. लेकिन हमारा सवाल राहुल गांधी ये है कि वो किसके सामने नहीं झुकना चाहते. क्या वो इस देश के संविधान के सामने नहीं झुकना चाहते? क्या वो इस देश के नियम और कानूनों के सामने नहीं झुकना चाहते? क्या वो इस देश के संघीय ढांचे के सामने नहीं झुकना चाहते है और क्या वो ये बताना चाहते हैं कि वो इस देश की अदालतों और सुरक्षा एजेंसियों के सामने भी नहीं झुकेंगे? इसके अलावा एक और पोस्टर यहां नजर आया जिस पर लिखा था- मैं सवारकर नहीं गांधी हूं.
आज हमें कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए भी काफी दुख हो रहा है. किसी भी पार्टी के जो कार्यकर्ता होते हैं, वो उससे विचारधारा के लिए जुड़ते हैं, देश के लिए जुड़ते हैं और राजनीति में आने के लिए किसी पार्टी में शामिल होते हैं. लेकिन अगर आप इन कार्यकर्ताओं को नारे लगाने के काम कर लगा देंगे और भ्रष्टाचार के एक आरोपी के पीछे भीड़ जुटाने के लिए खड़ा देंगे या उनका अपने राजनीतिक फायदों के लिए इस्तेमाल करेंगे तो इन कार्यकर्ताओं का पार्टी के लिए कोई महत्व ही नहीं रह जाएगा. आज कांग्रेस के बहुत सारे कार्यकर्ता ऐसा ही महसूस कर रहे होंगे. क्योंकि वो ये सब करने के लिए कांग्रेस में नहीं आए थे, जो अब उनसे गांधी परिवार करवा रहा है.
#DNA : आज महात्मा गांधी दुखी तो बहुत होंगे@sudhirchaudhary
अन्य Videos यहां देखें - https://t.co/ZoADfwBf2S pic.twitter.com/KeCckNvjpB
— Zee News (@ZeeNews) June 13, 2022