Gorakhpur News: गोरखपुर के 6 हजार एकड़ में बसेगा न्यू नोएडा जैसा शहर, माड़ा पार से तकिया मेदनीपुर गांवों की जमीन ली जाएगी
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2611868

Gorakhpur News: गोरखपुर के 6 हजार एकड़ में बसेगा न्यू नोएडा जैसा शहर, माड़ा पार से तकिया मेदनीपुर गांवों की जमीन ली जाएगी

Gorakhpur News: योगी सरकार नया गोरखपुर बसाने वाली है. ऐसे में करीब 25 गांवों की 6 हजार एकड़ जमीन गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को अधिग्रहीत किया जाएगा. जिसे किसान निर्धारित रेट पर जमीन देने को तैयार नहीं है. वह जनसुनवाई और बैठकों में आपत्ति जता रहे हैं. जानिए पूरी डिटेल

Gorakhpur News

Gorakhpur News: यूपी वालों के लिए एक अच्छी खबर है. प्रदेश की योगी सरकार नया गोरखपुर बसाने वाली है. इसके लिए करीब 25 गांवों की 6 हजार एकड़ जमीन गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को अधिग्रहीत किया जाएगा. जिसे किसान निर्धारित रेट पर जमीन देने को तैयार नहीं है और वो जनसुनवाई और बैठकों में आपत्ति जता रहे हैं. इसमें तीन हजार करोड़ रुपये खर्च भी होगा. जिसके लिए शासन ने 400 करोड़ रुपये जारी कर दिया है. हालांकि, जिन किसानों की जमीन सरकार अधिग्रहण करना चाह रही है, वह अपनी जमीन आसानी से जीडीए को देना नहीं चाह रहे. यह किसान महिलाओं और बच्चों को भी आगे लाकर विरोध करने लगे हैं. इसके लिए GDA की चौपाल भी बातचीत हो रही है. इस जन सुनवाई के दौरान भी आपत्ति दर्ज कराई है. 

किसानों की जमीनों का अधिग्रहण
गोरखपुर में नया गोरखपुर बसाने की कवायद मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत शुरू हुई है. गोरखपुर- कुशीनगर रोड पर चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के माड़ा पार में 152 हेक्टेयर और सदर तहसील क्षेत्र के तकिया मेदनीपुर में 45 और कोनी में 57 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित होगी. इस नए शहर में GDA किसानों से समझौते के आधार पर करने वाला है. जमीन लेने के साथ ही अनिवार्य अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुंवर प्रताप सिंह के नेतृत्व में काश्तकारों ने जमीन नहीं देने की बात की है और अपनी मांग जीडीए के सामने रखी है. किसानों ने बाजार दर के हिसाब से नए सर्किल रेट तय करने और फिर कमेटी गठित कर उसे सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजे की दर तय करने की मांग की है.

खेती की जमीन देने को तैयार नहीं किसान
तहसीलदार की मानें तो इस मामले में उच्च अधिकारियों से चर्चा के बाद ही आगे कोई फैसला किया जाएगा. जो किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहते, उनमें हीरालाल, रामवती यादव, सुदामा निषाद, संजय जायसवाल, सत्येंद्र निषाद,अब्दुल हमीद अंसारी, प्रदीप निषाद, मुकेश सिंह राम, गोविंद पुजारी, चंद्रभान पासवान, राजेंद्र भगत समेत कई काश्तकार का नाम शामिल हैं. जीडीए के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन सिंह की मानें तो किसान 2016 के आधार पर पहले अपनी जमीन का मुआवजा चार गुना मांगने पर अड़े थे, लेकिन पहले सरकार इसे देने को तैयार नहीं थी और विरोध कर रहे हैं.

हजारों किसानों को रजिस्ट्री 
कहा जा रहा है कि पिछले दिनों इस पर सहमति बनी तो किसानों ने अब अपनी जमीन की रजिस्ट्री, गोरखपुर विकास प्राधिकरण के पक्ष में करना शुरू किए हैं. करीब एक हजारों किसानों को रजिस्ट्री करनी है. अब तक 150 किसानों ने सहमति पत्र भरे जाने की बात कही है. 3 करोड़ 35 लाख 70 हजार प्रति हेक्टेयर की दर इसके लिए तय हुई है. ऐसे ही अन्य गांव से भी जमीन की खरीदारी होगी. जल्द ही शासन को पत्र लिखकर प्राधिकरण और धनराशि की मांग की गई है. जैसे-जैसे किसानों की रजिस्ट्री होगी, वैसे-वैसे पैसों की जरूरत भी बढ़ने वाली है.

यह भी पढ़ें: UP News: सुबह सस्ती और रात में महंगी होगी बिजली, यूपी में नया प्रस्ताव, उपभोक्ताओं की रातों की नींद उड़ेगी

Trending news