चप्पल का नाम क्यों पड़ा हवाई चप्पल, जानें इसके पीछे की मजेदार कहानी
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1706659

चप्पल का नाम क्यों पड़ा हवाई चप्पल, जानें इसके पीछे की मजेदार कहानी

आप सोच रहे होंगे हवा जैसी हल्की होने के कारण शायद इसका यह नाम पड़ा हो. लेकिन ये तर्क भी सटीक नहीं बैठता, क्योंकि पहले जो हवाई चप्पल आती थी वह इतनी भी हल्की नहीं होती थी. चप्पलों के साथ हवाई शब्द कैसे जुड़ा यह भी एक कहानी है

 

Hawai Chappal (File Photo)

Hawaai Chappal: हवाई चप्पल से हम सबका वास्ता पड़ा है. पहले ज्यादातर सफ़ेद रंग पर नीले फीते की चप्पल ही पहनी जाती थी. जिसे हम हवाई चप्पल कहते थे. आजकल लोग चप्पल की वजाय स्लीपर बोलने लगे हैं, लेकिन फिर भी बहुत से लोग जूते चपल्लों की दुकान पर जाकर हवाई चप्पल मांगते हैं.आप सोच रहे होंगे हवा जैसी हल्की होने के कारण शायद इसका यह नाम पड़ा हो. लेकिन ये तर्क भी सटीक नहीं बैठता, क्योंकि पहले जो हवाई चप्पल आती थी वह इतनी भी हल्की नहीं होती थी. चप्पलों के साथ हवाई शब्द कैसे जुड़ा यह भी एक कहानी है.

हवाई शब्द आया अमेरिका से. इतिहासकार मानते हैं कि अमेरिका के हवाई आइलैंड नमक द्वीप पर एक ख़ास किस्म का पेड़ पाया जाता है. यह पेड़ रबड़ जैसा लचीला होता है. बाद में इस रबड़ जैसे पदार्थ से एक नयी चीज बनायीं गयी. जो थी पैरों को आराम देने वाली चप्पल. इसी आइलैंड के नाम से इन चपल्लों का नामकरण हुआ और यह बन गयी हवाई चप्पल. 

ये खबर भी पढ़ें-  Jyotish Upay: बदनाम होने से बचना है तो तुरंत करें ये अचूक उपाय, समाज में हर कोई देगा इज्जत

जापानी मजदूरों से जुडी है चप्पल की कहानी 

जापान में हवाई चप्पल से भी पहले एक खास चप्पल बनती थी, इन चप्पलों को जोरू कहते थे. कहते हैं 1880 में जब अमेरिका के हवाई आइलैंड पर जापानी मजदूर काम करने गए तो उनकी अपनी चप्पलें टूट गयीं. उन्होंने यहाँ इस ख़ास पेड़ से चप्पल बनायीं और इसका नाम हवाई चप्पल हो गया. 

दुनियाभर में कैसे पहुंची हवाई चप्पल 
इन चप्पलों का इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सैनिकों द्वारा किया गया. सैनिक सुविधा के लिए इन चपल्लों को अपने साथ रखते, जहाँ जहाँ सैनिक गए वहां ये चप्पलें प्रसिद्ध होती गयी.  हवाईनाज नमक एक फुटवियर कंपनी ने इन चप्पलों को सबसे पहले ब्राज़ील और बाद में दुनिया भर के लिए बनाना शुरू कर दिया. लेकिन भारत में हवाई चप्पल लाने का श्रेय बाटा कंपनी को जाता है.

बाघ के मुंह से बच निकला हिरण, पहले नहीं देखा होगा ऐसा वीडियो

Trending news