Barabanki:काजू,पिस्ता और बादाम के धुएं से गंभीर बीमारियों का इलाज, जानिए बाबा मस्तराम के दावों पर क्या कहते हैं डॉक्टर
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Barabanki:काजू,पिस्ता और बादाम के धुएं से गंभीर बीमारियों का इलाज, जानिए बाबा मस्तराम के दावों पर क्या कहते हैं डॉक्टर

एक तरफ जहां धुआं लोगों में कई तरह की एलर्जी और बीमारियों को बढ़ाता है. वहीं बाराबंकी जिले में एक ऐसी जगह भी है, जहां लोग अपना इलाज धुएं से करा रहे हैं. यह आस्था है या फिर अंधविश्वास, लेकिन हर पूर्णिमा पर यहां हजारों लोग दूर-दूर से जुटते हैं.

Barabanki:काजू,पिस्ता और बादाम के धुएं से गंभीर बीमारियों का इलाज, जानिए बाबा मस्तराम के दावों पर क्या कहते हैं डॉक्टर

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी : एक तरफ जहां धुआं लोगों में कई तरह की एलर्जी और बीमारियों को बढ़ाता है. वहीं बाराबंकी जिले में एक ऐसी जगह भी है, जहां लोग अपना इलाज धुएं से करा रहे हैं. यह आस्था है या फिर अंधविश्वास, लेकिन हर पूर्णिमा पर यहां हजारों लोग दूर-दूर से जुटते हैं. यह सभी धुएं के इलाज से अपनी बीमारी ठीक होने का दावा करते हैं. मामला बाराबंकी में कुर्सी थाना क्षेत्र के दारापुर बहरौली गांव से जुड़ा है. 

यहां श्री श्री 1008 बाबा मस्तराम का एक मंदिर स्थित है. इस मंदिर में हर पुर्णिमा के दौरान हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. लोग यहां दूर दराज से आकर अपनी बीमारियों का इलाज धुवें से कराते हैं. यहां काजू, बादाम, पिस्ता, गरी, मुनक्के, किशमिश, अखरोट, दालचीनी, बादाम और तमाम तरह के मेवे से एक विशेष हवन यज्ञ होता है. मंदिर से जुड़े लोगों का दावा है कि भारत में ऐसा हवन यज्ञ और कहीं नही होता. हवन यज्ञ से निकलने वाला धुआं लोगों की कई तरह की बीमारियों को ठीक कर देता है. यहां के लोगों के मुताबिक इस विशेष हवन-यज्ञ का धुआं जिस भी बीमार शख्स को लग जाता है, तो उसे स्वास्थ्य लाभ होना निश्चित है. यहां की खासियत यह भी है कि इस मंदिर में चढ़ने वाले अनाज, दूध और पैसे से विशाल भंडारा करवाया जाता है.
हरी सब्जियां चढ़ाते हैं लोग
वहीं श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां कैंसर जैसी बीमारी के रोगी भी ठीक हो जाते हैं.  मंदिर से जुड़े लोग बताते हैं कि यहां श्रद्धालुओं की आस्था हैं कि खेतों में पैदा हुई पहली फसल लोग बाबा मस्तराम को चढ़ाते हैं. इससे उनकी फसल काफी अच्छी होती है. साथ ही यहां लोग दूध, लौकी, कददू, हरी सब्जी और पैसे भी चढ़ाते हैं. महीने की पूर्णमासी के दौरान पड़ने वाले गुरुवार को यहां श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ जुटती है. कोरोना काल के दौरान भी यहां मेला बंद नहीं हुआ. दावा है कि इस क्षेत्र के लोगों को कोरोना भी नहीं हुआ. 

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मेडिकल साइंस ने किया खारिज
हालांकि इस तरह से ड्राई फ्रूट्स के धुएं से लोगों के इलाज के दावे को मेडिकल साइंस नकारता है. बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवधेश कुमार यादव के मुताबिक किसी भी तरह के धुएं से रोगों का इलाज नहीं किया जा सकता. मस्तराम बाबा के आश्रम में श्रद्धालुओं के साथ ऐसा क्यों किया जाता है, यह तो वही लोग बता सकते हैं. लेकिन मेडिकल साइंस इस तरह की किसी भी इलाज की पक्षधर नहीं है. क्योंकि इस तरह से किसी भी रोगी को ठीक नहीं किया जा सकता. 

डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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