Jhansi: झांसी की प्रीति ने चावल के दानों पर लिख दिया सुंदर कांड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम
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Jhansi: झांसी की प्रीति ने चावल के दानों पर लिख दिया सुंदर कांड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम

Jhansi News: झांसी की प्रीति अग्रवाल ने चावल पर सुंदरकांड लिखकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (India Book of Records) में नाम दर्ज कराया है. प्रीति की इच्छा इसके जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात करने की है.

Jhansi: झांसी की प्रीति ने चावल के दानों पर लिख दिया सुंदर कांड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम

अब्दुल सत्तार/झांसी: अगर मन में कुछ करने की ठान ली जाए तो असंभव भी संभव बन जाता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की रहने वाली प्रीति अग्रवाल ने. जिन्होंने चावल के छोटे से दिखने वाले दानों पर सुंदरकांड का लेखन कर डाला. जिसके लिए उनका यह काम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है. 

चावल के  7,675 दानों पर सुंदरकांड  का लेखन कर बना दिया रिकॉर्ड
झांसी की प्रीति अग्रवाल ने चावल के 7,675 दानों पर सुंदर कांड का लेखन कर रिकॉर्ड बनाया है. उनका यह काम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है. चावल के दानों पर सुंदर कांड लिखने वाली प्रीति को इस काम में लगभग दो महीने का समय लगा. प्रीति इससे पहले चावल के दानों पर गायत्री मंत्री, हनुमान चालीसा आदि लिख चुकी हैं. चावल के दानों पर हनुमान चालीसा लिखकर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को कुछ समय पूर्व भेंट की थी. 

प्रीति अग्रवाल ने ऐसे शुरू किया लिखना
दरअसल प्रीति अग्रवाल बताती हैं कि हर साल लोगों को शिव जी पर बेलपत्र चढ़ाते देखती थीं तो इच्छा हुई कि क्यों न चावल पर ओम नमः शिवाय लिखकर चढ़ाया जाए. इस तरह धीरे-धीरे लिखने की आदत पड़ गई. मन में भगवान का नाम लेकर लिखना शुरू किया जो अभी तक चला आ रहा है. प्रीति सामान्य पेन से ही चावल पर लिखती हैं और उन्हें साधारण गोंद से चिपकाया गया है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करना चाहती हैं मुलाकात
प्रीति कहती हैं कि जैसे राम जी के भक्त हनुमान जी हैं, वैसे ही उनके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बढ़कर कोई देशभक्त नहीं हो सकता. हो सकता है कि इस माध्यम से मैं उनसे मिल सकूं. ईश्वर की प्रेरणा रही तो इसी तरह लिखती रहूंगी. इस सुंदर कांड को लिखने में दो महीने का समय लग गया. इस पर रोज दो तीन घण्टा काम करती थीं. उन्होंने बताया कि वह सुंदर कांड सुनते समय लिखती रहती थीं.

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