लाख रुपये की सैलरी उठा रही स्कूल प्रिंसिपल घर बैठे ढाई हजार में करा रहा थी अपना काम, ऐसे खुली पोल'
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लाख रुपये की सैलरी उठा रही स्कूल प्रिंसिपल घर बैठे ढाई हजार में करा रहा थी अपना काम, ऐसे खुली पोल'

Primary School Prinicipal: मुख्य शिक्षा अधिकारी जब स्कूल पहुंचे तो उन्हें प्रिंसिपल वहां से गायब मिलीं. उनकी जगह एक लड़की थी मधु रावत, जो बच्चों को पढ़ा रही थी. लड़की से सवाल किए तो उसने बताया कि प्रधानाध्यापिका तो स्कूल आती ही नहीं हैं और उसे ढाई हजार रुपये देकर सारा काम करवाती हैं...

लाख रुपये की सैलरी उठा रही स्कूल प्रिंसिपल घर बैठे ढाई हजार में करा रहा थी अपना काम, ऐसे खुली पोल'

पौड़ी: उत्तराखंड के एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल ने ऐसा कारनामा किया है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. पौड़ी जिले के सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्या ने अपनी जगह एक लड़की को पढ़ाने के लिए रख लिया. यानी प्रिंसिपल शीतल रावत घर पर आराम करने की सैलरी सरकार से उठा रही थीं और अपनी जगह एक अनक्वॉलिफाइड लड़की रखी हुई थी जो बच्चों को पढ़ा रही थी. जब इस हरकत का खुलासा हुआ तो शिक्षा विभाग में हंगामा मच गया. मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी आनंद भारद्वाज ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाडी की प्रधानाध्यापिका शीतल रावत के वेतन पर रोक लगा दी है और उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा है. 

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गांव की एक लड़की को ढाई हजार रुपये देकर अपना काम करवाती थी
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जब उन्होंने थलीसैंण ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाडी का निरीक्षण किया, तो प्रधानाध्यापिका स्कूल से गायब मिलीं. वहीं, उनके बजाय स्कूल के छात्र छात्राओं का पठन-पाठन गांव की ही एक युवती मधु रावत कर रही थी. मुख्य शिक्षा अधिकारी ने लड़की से सवाल किए तो उसने बताया कि प्रधानाध्यापिका उन्हें बच्चों के पठन-पाठन का ध्यान रखने के लिए हर महीने ढाई हजार रुपये देती हैं, जबकि प्रधानाध्यापिका खुद स्कूल से नदारद रहती हैं. 

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प्रिंसिपल के गैर जिम्मेदाराना रवैये से बच्चों का भविष्य खराब
यह सारी बातें जानने के बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अब प्रधानाध्यापिका के वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है. मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि प्रधानाध्यापिका के गैर जिम्मेदार होने से छात्र-छात्राओं का भविष्य खराब हो रहा है. ऐसे में पूरे मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी थलीसैंण को सौंपी गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापिका के उचित स्पष्टीकरण ना मिलने तक उनके वेतन पर रोक लगा दी गई है और मामले में उचित कार्रवाई की जा रही है.

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