जमीन के बदले नौकरी घोटाला: तेजस्‍वी यादव के बंगले पर अमित कात्‍याल का क्‍या काम?
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जमीन के बदले नौकरी घोटाला: तेजस्‍वी यादव के बंगले पर अमित कात्‍याल का क्‍या काम?

Land For Job Scam: अमित कात्याल को 16 नवंबर तक ईडी रिमांड में भेज दिया गया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कात्याल को शुक्रवार को हिरासत में लिया था और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया.

जमीन के बदले नौकरी घोटाला: तेजस्‍वी यादव के बंगले पर अमित कात्‍याल का क्‍या काम?

Land For Job Scam News: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को बिजनेमैन अमित कात्याल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिमांड पर भेज दिया. न्यूज एएनआई के मुताबिक स्पेशल जज न्याय बिंदु ने सुनवाई के दौरान दी गई दलीलों पर गौर करने के बाद कात्याल को 16 नवंबर, 2023 तक हिरासत में रखने का निर्देश दिया. आखिर यह कात्याल हैं कौन और इसका बिहार के डिप्टी सीएम व आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ क्या संबंध है.

कात्याल और तेजस्वी यादव का कथित कनेक्शन
दरअसल कात्याल को लालू परिवार का करीबी माना जाता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि जांच एजेंसी के अनुसार, कात्याल ‘ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ का पूर्व डायरेक्टर भी है. यह कंपनी इस मामले में कथित तौर पर एक ‘लाभार्थी’ है.

कंपनी का रजिस्टर्ड पता दक्षिणी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक रेजिडेंशियल बिल्डिंग है, जिसका इस्तेमाल तेजस्वी यादव कर रहे थे. ईडी ने इस साल मार्च में जब लालू, तेजस्वी, उनकी बहनों और अन्य के परिसरों पर छापे मारे थे, तब कात्याल से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली गई थी.

दो महीने से कर रहा था समन की अनदेखी
कात्याल करीब दो महीने से ईडी के समन की अनदेखी कर रहा था. दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल में इस मामले में उसके खिलाफ जारी ईडी के समन को रद्द करने के अनुरोध वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी. सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसी ने कात्याल को शुक्रवार को हिरासत में लिया और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया.

एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को यह फायदा मिलने का आरोप
यह कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे.

आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप ‘डी’पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था. नियुक्ति के बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दी.

सीबीआई के मुताबिक, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में सबस्टिट्यूट के रूप में नियुक्त किया गया था.

जांच एजेंसी का आरोप है कि दले में उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू के परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर बेहद रियायती दरों पर जमीन बेची, जो मौजूदा बाजार दरों के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से तक थी.

धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया ईडी का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर आधारित है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 

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