Erode East: दिल्ली विधानसभा के साथ पांच फरवरी को अयोध्या में मिल्कीपुर और तमिलनाडु की इरोड पूर्व सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं.
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Erode East Assembly Seat: दिल्ली विधानसभा के साथ पांच फरवरी को अयोध्या में मिल्कीपुर और तमिलनाडु की इरोड पूर्व सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. मिल्कीपुर में उपचुनाव अवधेश प्रसाद के सपा सांसद बनने के बाद सीट रिक्त होने के कारण हो रहे हैं. वहां से उनके पुत्र अजीत प्रसाद चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं तमिलनाडु की इरोड पूर्व सीट कांग्रेस विधायक ईवीकेएस इलांगोवन के निधन के कारण रिक्त हुई थी. इस सीट पर हो रहे चुनावों में डीएमके ने पूर्व विधायक वीसी चंद्रकुमार को मैदान में उतारा है. तमिलनाडु में कांग्रेस और डीएमके का गठबंधन है.
वैसे तो इस सीट पर 46 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उनमें से 44 निर्दलीय हैं. मुकाबला सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) और अभिनेता से नेता बने सीमान की पार्टी ‘नाम तमिलर काची’ (एनटीके) के बीच है. एम के सीतालक्ष्मी एनटीके की तरफ से उम्मीदवार हैं. इस चुनाव में खास बात ये है कि मुख्य विपक्षी दल अन्नाडीएमके और भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारा है और चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है.
बीजेपी क्यों नहीं लड़ रही चुनाव?
भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने 2022 में यहां हुए उपचुनाव का जिक्र करते हुए कहा था कि सत्तारूढ़ डीएमके पर तब लोगों को निर्दिष्ट स्थानों पर ‘‘बंधक’’ बनाने के आरोप लगे थे. उन्होंने एक तरह से 2022 के उपचुनावों में धांधली के आरोप लगा थे. उन्होंने बयान में ये भी कहा था, ‘‘वर्ष 2026 में होने वाला विधानसभा चुनाव सत्तारूढ़ डीएमके को हटाने के लिए है और एनडीए उस लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है.’’ अन्नामलाई ने कहा था, ‘‘जनता का कल्याण चाहने वाले एनडीए के सभी नेताओं ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद इरोड पूर्व सीट पर उपचुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है. हमारा लक्ष्य 2026 के चुनावों में डीएमके को हटाना और लोगों को एनडीए का सुशासन देना है.’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि रामदास की पार्टी पीएमके ने भी चुनावों के बॉयकाट करने का फैसला किया है. पीएमके, एनडीए में बीजेपी की सहयोगी है. डीएमके ने सारे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि विपक्ष इसलिए चुनाव का बहिष्कार कर रहा है क्योंकि उसको हार का डर है.
इरोड पूर्व सीट
2008 में इरोड ईस्ट सीट अस्तित्व में आई थी. यहां पर 2.26 लाख मतदाता हैं. इनमें से 1.16 लाख महिला और 1.1 लाख पुरुष मतदाता हैं. यहां की अधिकांश आबादी शहरी और अर्ध-शहरी तबके की है. कृषि और टेक्सटाइल बिजनेस पर लोगों की निर्भरता है. अतीत में इस सीट से अन्नाडीएमके और डीएमके के कैंडिडेट जीतते रहे हैं.