Fasting: क्या रोजा रखने से आंतों की सेहत हो सकती है बेहतर? जानिए क्या है सच
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Fasting: क्या रोजा रखने से आंतों की सेहत हो सकती है बेहतर? जानिए क्या है सच

भारत में बड़ी तादात में लोग रमजान के रोजे रख रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इस प्रैक्टिस से हमारी आंतों की सेहत को कितना फायदा हो सकता है.

Fasting: क्या रोजा रखने से आंतों की सेहत हो सकती है बेहतर? जानिए क्या है सच

How Intermittent Fasting Can Improve Gut Health: भारत में कई धर्म और संप्रदाय के लोग अपने फेथ के हिसाब से व्रत रखते हैं. इस्लाम को मानने वाले लोग रमजान के पाक महीने में 29 या 30 दिनों का रोजा रखते हैं. वो अर्ली मॉर्निंग से लेकर सनसेट तक खाने-पीने से परहेज करते हैं. हमने फास्टिंग के कई फायदे सुने हैं. आइए डॉ. इमरान अहमद से जानते हैं कि क्या रोजे रखने से आंतों की सेहत अच्छी हो सकती है.
 

रोजे से आंतों की सेहत का कनेक्शन

1. गुट बैक्टीरियाज का ग्रोथ

जब हम काफी देर तक कुछ भी खाते पीते नहीं हैं तो इससे आंतों में लैक्टोबैसिलस (Lactobacillus) और बिफीडोबैक्टीरियम (Bifidobacterium) जैसे गुड गट बैक्टीरियाज का पॉपुलेशन बढ़ने लगता है जो हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाते हैं.

2. सूजन कम हो सकता है

कई रिसर्च में पाया गया है कि फास्टिंग करने से आंतों में सूजन कम हो सकता है और इससे गट हीलिंग को मदद मिलती है. साथ ही इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (inflammatory bowel disease) का रिस्क भी घट जाता है.

3. बेहतर इंटेस्टिनल बैरियर फंक्शन

फास्टिंग प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ावा देता है जो इंटेस्टिनल बैरियर को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे हानिकारक पदार्थों को ब्लड फ्लो में इंटर करने से रोकता है और आंत की परमिएबलिटी या लीकी गट के जोखिम को कम करता है.

4. बेहतर गट मोबिलिटी

इंटरमिटेंट फास्टिंग या से आंत की गतिशीलता (Gut motility) में सुधार हो सकता है, नियमित और स्वस्थ मल त्याग सुनिश्चित हो सकता है, कब्ज का खतरा कम हो सकता है और ओवरऑल गट हेल्थ को बेहतर बनाया जा सकता है.

5. बेहतर न्यूट्रिएंट एब्जॉर्बशन

जब रोजे के दौरान हमारी आंतों को काम से थोड़ा ब्रेक मिलता है तो इससे न्यूट्रिएंट्स के एब्जॉर्बशन में काफी मदद मिलती है, इससे शरीर को वो सभी विटामिंस और मिनरल्स मिल जाते हैं, जो सेहत को अच्छा रखने के लिए बेहद जरूरी हैं.

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